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दुष्कर्म में दोषी MLA कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा, अंतिम सांस तक जेल में

Unnao Case : उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा दी है। अब कुलदीप सिंह सेंगर को जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। इसके साथ ही दोषी विधायक पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख पीड़िता को बतौर मुआवजा देने होंगे, जबकि 15 लाख रुपये अभियोजन पक्ष को मिलेंगे।

New Delhi, Dec 16 (ANI): FILE PICTURE of Unnao rape accused Kuldeep Singh Sengar who has been convicted by Tis Hazari court, in New Delhi on Monday. Arguments on the sentencing to held on 19th December. (ANI Photo)

कोर्ट ने पीड़िता को सुरक्षा के साथ आवास देने को कहा

फैसले के दौरान न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सीबीआइ को कहा है कि पीड़िता के परिवार को जान का खतरा है, इसलिए सुरक्षा और सुरक्षित आवास की जिम्मेदारी उनकी है।

दोषी पब्लिक सर्वेट, जनता के साथ किया विश्वासघात

कोर्ट ने फैसला सुनाने के दौरान विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी विधायक पब्लिक सर्वेंट है और इस लिहाज से जनता के साथ विश्वासघात भी किया है।

तीस हजारी अदालत में गत पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। करीब 5 माह तक इस कांड से जुड़े सभी मामलों को लगातार तीस हजारी अदालत में सुना जा रहा है। यह पहला मामला हैं जिसमें अदालत का फैसला आया है, जबकि चार मामले और हैं, जिन पर अभी फैसला आना बाकी है।

बता दें कि 4 जून, 2017 को नौकरी देने के नाम पर कुलदीप सेंगर ने साजिश रचने और दुष्कर्म करने का अपराध किया। इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी।

इससे पहले दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लंच ब्रेक से पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था। अपहरण के बाद नाबालिग से दुष्कर्म में दोषी करार दिए कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो भी लगा है, ऐसे में कोर्ट ने अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद का फैसला दिया है।

पिछली सुनवाई में पीड़िता पक्ष के वकील ने सजा पर हुई बहस के दौरान अधिकतम सजा के साथ अधिकतम मुआवजे की भी मांग की थी।

वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने विधायक की बेटियों की शादी, सामाजिक स्थिति और समाज सेवा-राजनीतिक सेवा का हवाला देते हुए कम से कम सजा की मांग की थी।

यहां पर बता दें कि 16 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन-6 में दोषी ठहराया था। इसके बाद 17 दिसंबर को सजा पर बहस हुई थी, जिसमें पीड़िता पक्ष के वकील ने दोषी को अधिकतम सजा के तहत उम्रकैद की मांग की थी, जबकि साथ ही अधिकतम मुआवजे की भी मांग की थी। इस अपराध में दोषी को कम से कम 7 साल और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।

सीबीआइ को भी लगी थी फटकार

16 दिसंबर को हुई सुनवाई में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देने के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआइ को भी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि सामूहिक दुष्कर्म के इस केसे में सीबीआइ ने एक साल बाद चार्जशीट क्यों लगाई? वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा था कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस मामले को देर से दर्ज कराया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि हम पीड़िता के मन को व्यथा को समझते हैं। दोषी दबंग है और पीड़िता एक सामान्य परिवार की लड़की।

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