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देश तभी सुखी होगा जब अन्तिम व्यक्ति सुखी होगा: नीलकंठ तिवारी

लखनऊ। राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को बुधवार को सूचना राज्यमंत्री डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 15 खण्डों के ‘पंडित दीनदयाल सम्पूर्ण वांग्मय’ की प्रथम प्रति भेंट की। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कतरे हुए राज्यमंत्री सूचना डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने कहा कि देश तभी सुखी होगा जब अन्तिम व्यक्ति सुखी होगा। पंडित दीनदयाल ने समाज को जो दर्शन दिया है, वह देश के विकास के लिये आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का चिन्तन सबके सुख की परिकल्पना पर आधारित है। नीलकंठ तिवारी ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक या पौराणिक रचना के लिये निर्धारित की जाने वाली नीति युगानुकूल और देशानुकूल होनी चाहिए। भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ था। अधिनायकवादी परम्परा आजादी के बाद भी कहीं न कहीं पाई जाती थी। पश्चिमी संस्कृति में निर्धनतम व्यक्ति के विकास की कल्पना नहीं थी। पंडित दीनदयाल ने राष्ट्रनीति को देश के भाव के अनुसार निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत में व्यक्ति, समाज, प्रदेश, देश एवं विश्व के विकास की विचारधारा रही है। सुख की अवधारणा भारतीय संस्कृति में निहित है।
प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि पंडित दीनदयाल जन्मशती कार्यक्रम प्रदेश में वृहद स्तर पर आयोजित किये जायेगें। सभी जिलों में विशेष आयोजन होंगे तथा पंडित दीनदयाल सम्पूर्ण वांग्मय की सात हजार प्रतियां क्रय की जायेंगी जिन्हें सभी शैक्षणिक संस्थाओं के पुस्तकालयों में भेजा जायेगा। समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिये हमें एक सोच उत्पन्न करने की जरूरत है। यह विचार समाज में रहने वाले हर डाक्टर, इंजीनियर, शिक्षाविद् को करना होगा कि उसके माध्यम से समाज को कैसे लाभ मिल सकता है जिससे देश को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से पंडित दीनदयाल के विचार को आगे बढ़ाने की जरूरत है।  राज्यमंत्री डॉ0 नीलकंठ तिवारी द्वारा राज्यपाल के साथ-साथ लखनऊ स्थित सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी वांग्मय की प्रतियाँ भेंट की गयी।
कार्यक्रम में प्रो0 एस0पी0 सिंह कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो0 आर0सी0 सोबती कुलपति बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, डॉ0 निशीथ राय कुलपति, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय विकलांग पुनर्वास विश्वविद्यालय, प्रो0 गुरदीप सिंह कुलपति डॉ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट कुलपति किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, प्रो0 विनय कुमार पाठक कुलपति डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, प्रो0 एस0के0 शुक्ला कार्यवाहक कुलपति ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, प्रो0 अरूण कुमार मित्तल कुलपति बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय, प्रो0 श्रुति सडोलिकर काटकर कुलपति भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय तथा जनरल के0के0 ओहरी प्रतिकुलपति एमिटी विश्वविद्यालय उपस्थित थे।  कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन सूचना निदेशक अनुज कुमार झा द्वारा ज्ञापित किया गया।

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