ऋषिकेश : उत्तराखंड के श्यामपुर में देश का पहला ऐसा सेंटर बनने जा रहा है जिसमें देसी गोवंशीय पशुओं में सिर्फ मादा बछिया पैदा करने वाले इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे। उत्तराखंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड के प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। 47 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर तैयार किया जाएगा, जिसे अमेरिकी कंपनी के सहयोग से संचालित किया जाएगा। पहले इंजेक्शन विदेशों से आयात करने पड़ते थे, लेकिन अब देश में ही विदेशी नस्ल की होलस्टीन, फ्रिजियन, क्रॉसब्रीड गायों के साथ ही देसी नस्ल की रेड सिंधी, सहित अन्य नस्लों का ऐसा सीमेन (बीज) मिल सकेगा, जिससे 97 प्रतिशत निश्चितता के साथ गाय से सिर्फ मादा बछिया ही पैदा होगी। आधुनिक कृषि में यंत्रीकरण को बढ़ावा दिए जाने से खेतों को हल से जोतने के लिए बैलों की अहमियत लगातार कम हो रही है। जिससे पशुपालन में गोवंशीय नर पशुओं की मांग में कमी आई है। सड़कों पर आवारा घूमने वाले बैलों का कोई ठौर ठिकाना नहीं है। इनकी जरूरत कम होने के कारण अब ऐसा विकल्प भी तैयार किया जाने लगा है, जिससे गोवंशीय पशुओं में सिर्फ बछिया ही पैदा हो, जिससे दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सके। सामान्य तौर पर किए जाने वाले गर्भाधान में नर-मादा पैदा होने की कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन तकनीक के सहारे अब यह संभव है कि शतप्रतिशत केवल मादा ही पैदा की जा सकती हैं। मादा पैदा करने के लिए तैयार इंजेक्शन को लिक्विड नाइट्रोजन में माइनस 196 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाता है। जिसे दस साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। एक डोज में तकरीबन नर व मादा पशु के बीस मिलियन स्पर्म (शुक्राणु) रखे जाते हैं। विदेश से आयात पशु सीमेन की कीमत देश में लगभग तेरह सौ से चौदह सौ रुपये के बीच है, लेकिन सेंटर बन जाने के बाद पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान के लिए यह पांच-छह सौ रुपये में मिलेगा। देश में मांग बढ़ने के बाद इसकी कीमतों में और कमी आएगी। डीप फ्रोजन सीमेन प्रोडक्शन सेंटर के लिए अमेरिका से उपकरण लाएं जाएंगे। इसका संचालन भी अमेरिकी तकनीशियन करेंगे। सेंटर के निर्माण के लिए नब्बे प्रतिशत धनराशि केंद्र और दस प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार खर्च करेगी। आर. मीनाक्षी सुंदरम ( सचिव पशुपालन, उत्तराखंड) कहना है कि सेंटर के निर्माण के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही उपकरण स्थापित करने का काम शुरू किया जाएगा।
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