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नक्सलियों के बारूद से आतंकी बनाते मोदी को निशाना

modi8रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ में पकड़े गए सिमी के माड्यूल से जो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है वह आतंकी-नक्सली गठजोड़ है। पुलिस ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की सभा में विध्वंस को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने नक्सलियों से संपर्क साधा था  लेकिन गोलाबारूद की आपूर्ति होने से पहले ही वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रामनिवास ने बताया कि आतंकवादियों ने नक्सलियों से संपर्क साध रखा था। उनके निशाने पर सिरपुर सहित देश के प्रमुख मंदिर भी थे। पकड़ा गया कथित आतंकवादी उमेर सिद्दीकी अपने साथियों के साथ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में सक्रिय नक्सलियों से भी मुलाकात कर चुका है। पुलिस ने बताया कि नक्सलियों से हासिल हथियार आतंकियों के पास मिले हैं। आतंकियों ने मोदी की सभा में विस्फोट करने के लिए नक्सलियों से बारूद और हथियार की मांग की थी  लेकिन हथियार पहुंचने से पहले ही आतंकवादी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। उमेर सहित अन्य आतंकियों के मोबाइल नंबर को राजधानी की पुलिस ने तीन वर्षों से सर्विलांस ने डाल कर रखा था। पुलिस को कुछ महीनों से इनके नंबर पर अरबी भाषा की कुछ बातें सुनने को मिल रही थी। आईबी से उसे डीकोड कराने पर पता चला कि आतंकी मोदी की सभाओं में हमले की साजिश रच रहे थे। इतना ही नहीं आतंकियों के निशाने पर विश्व विख्यात सिरपुर के मंदिर  कई बौद्ध मंदिर सहित देश के हिन्दू मंदिर निशाने पर थे। रायपुर में रहकर सिमी के प्रचारक का दायित्व निभाने वाला उमेर सिद्दीकी पटना और बोधगया ब्लॉस्ट का मास्टर माइंड है। इसकी योजना उसीने बनाई थी। इस बात को वह आईबी की टीम की पूछताछ के दौरान कबूल चुका है। एनआईए की पूछताछ और घरों की तलाशी से आतंकियों से देश के कई मंदिरों के नक्शे मिले हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध सिरपुर मंदिर भी शामिल है। आतंकी देश के कई बौद्ध मंदिर व हिंदू मंदिरों को उड़ाने की तैयारी में थे।

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