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आखिर कौन हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेने वाले प्रसून

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब दो घंटे 20 मिनट चले ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम को सेंसर बोर्ड के चीफ और बॉलीवुड गीतकार प्रसून जोशी ने लंदन में 18 अप्रैल को होस्ट किया। इस दौरान प्रसून जोशी ने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू भी किया, सोशल मीडिया में इसकी खूब चर्चा है। समर्थक जहां इसके लिए प्रसून की तारीफ़ कर रहे हैं वहीं विरोधी उन पर तमाम तरह के आरोप भी लगा रहे हैं। बचपन में प्रसून जोशी फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन में कवि बनकर पहुंचते थे, उनका जन्म 1971 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। बचपन से ही उन्हें साहित्य में काफी दिलचस्पी थी। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि एक बार जब उनके स्कूल में फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन था, तब सब बच्चे एक्टर, पॉलिटिशयन या क्रांतिकारी की ड्रेस पहनकर आए थे, मगर वह एक कवि बनकर पहुंचे। उन्होंने कवि जय शंकर प्रसाद की तरह का गेटअप लिया और उनकी कविता ‘आंसू’ पढ़कर सुनाई थी। लिटरेचर से उनके इस लगाव का ही असर था कि सिर्फ 17 साल की उम्र में उनकी पहली किताब ‘मैं और वो’ भी प्रकाशित हो गई थी।
लिटरेचर में इतनी गहरी रुचि होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई के लिए साइंस को चुना। पहले बीएससी की और फिर फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन। इसके बाद उन्होंने एमबीए किया और एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला कर लिया, मगर यहां भी उनके भीतर का कवि बार-बार बाहर आता रहा। नतीजे में हमें मिली ‘ठंडा मतलब कोका-कोला’, ‘अभी तो मैं जवान हूं’, ‘उम्मीद वाली धूप’ जैसी टैगलाइंस और इस तरह प्रसून एड गुरु बन गए। उन्होंने अपनी जिंदगी के दस साल विज्ञापन की दुनिया को दिए और फिर उनका अगला पड़ाव बना बॉलीवुड।राजकुमार संतोषी ने उनकी राइटिंग का कमाल देखकर उन्हें अपनी फिल्म लज्जा में गीत लिखने के लिए कहा, फिर जो सिलसिला शुरू हुआ, उसमें उन्होंने ‘फना’, ‘रंग दे बसंती’, ‘तारे जमीं पर’, ‘ब्लैक’, ‘हम-तुम’ और ‘दिल्ली-6’ जैसी फिल्मों के लिए शानदार गाने लिखे। प्रसून को फिल्म फना (2007), तारे जमीं पर (2007) और भाग मिल्खा भाग (2014) में लिखे गीतों के लिए बतौर बेस्ट लिरिसिस्ट तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। 2015 में प्रसून को कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें फिल्म तारे जमीं पर और चिट्टगॉग के एक गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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