नहीं रहीं 105 साल की एथलीट मनकौर, कैंसर से हारीं जिंदगी की रेस
नई दिल्ली: जिस उम्र में लोग लाठी और खाट पकड़ लेते हैं, उस उम्र में ट्रैक पर पदकों का अंबार लगाने वालीं 105 साल की एथलीट मनकौर का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया। उनके पुत्र 83 साल के गुरुदेव सिंह ने बताया कि वह डेराबस्सी आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती थीं और दोपहर लगभग एक बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 101 साल की उम्र में 2017 में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में विश्व चैंपियन बनीं। उन्होंने 1 मिनट 14.58 सेकंड का समय निकाला और इस प्रतियोगिता की सबसे उम्रदराज विजेता बनीं थीं। वह कहा करती थी जब तक जिंदगी है दौड़ूंगी और मेडल जीतूंगी। पिछले तीन माह से वह गॉल ब्लेडर के कैंसर से जूझ रही थीं। वह चंडीगढ़ की करिश्माई मां के रूप में विख्यात थीं।
93 साल की उम्र में की थी शुरुआत
मनकौर ने 93 साल की उम्र में अपने बेटे गुरुदेव सिंह के कहने पर कॅरिअर की शुरुआत की थी। पहला पदक चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में 2007 में जीता था। उसके बाद 2011 में नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स में 100 और 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर शानदार शुरुआत की।
2017 में जीते थे चार गोल्ड
कौर ने 2011 में अमेरिका में हुई विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी 100 और 200 मीटर का स्वर्ण जीता और श्रेष्ठ एथलीट चुनी गईं। वह तब सुर्खियों में आईं जब 2017 में ऑकलैंड में हुई 100 से अधिक आयुवर्ग की विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर का खिताब जीता। यही नहीं उन्होंने 200 मीटर, शॉटपुट और जेवलिन थ्रो में भी खिताब जीते। उसके बाद वह लगातार कई स्पर्धाओं में खेलती रहीं और चैंपियन बनती रहीं।
पिछले साल मिला था नारी शक्ति पुरस्कार
उनकी शानदार उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें पिछले साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे। इस महान एथलीट ने प्रधानमंत्री को आशीर्वाद भी दिया था।
ऐसा है मनकौर का रिकॉर्ड
2011 : में अमेरिका में 100 और 200 मीटर में जीते दो स्वर्ण,
2012 : एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स में 100 मीटर में चैंपियन
2013 : में कनाडा मास्टर्स एथलेटिक्स में जीते 5 स्वर्ण पदक, उसी साल विश्व सीनियर गेम्स में भी 5 स्वर्ण पर किया कब्जा
2016 : में अमेरिकन मास्टर्स में सौ मीटर में 1.21 मिनट का समय निकाला और 2017 में न्यूजीलैंड में समय को सुधारकर 1.17 कर दिया था।
2018 : अमेरिका मास्टर्स गेम में विश्व रिकॉर्ड के साथ जीते चार स्वर्ण
2019 : पोलैंड में हुई प्रतियोगिता में भी फिर लगाया स्वर्ण पदक का चौका