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नहीं सुलझा बड़ा सवाल, कौन थीं गड़ासे से काटी गई वो युवतियां?

96428-arun-jaitley-vandalismदो युवतियों की हत्या करके सिर, धड़ व पैर फेंके जाने की सनसनीखेज वारदात पांच दिन बाद भी दो जिलों की पुलिस, क्राइम ब्रांच व सर्विलांस सेल के हाथ खाली हैं।
युवतियों की न शिनाख्त हो सकी और न ही बोरों पर लिखे कोड के आधार पर आटा व चावल की बिक्री का इलाका चिह्नित किया जा सका। तफ्तीश के नाम पर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं।

मड़ियांव क्षेत्र में कॅरिअर डेंटल कॉलेज के पास शुक्रवार सुबह दो युवतियों के पैर एक बोरे में बंद मिले। वहां से एक किमी. दूर आईआईएम रोड की सर्विस लेन के किनारे सौ मीटर की दूरी में अलग-अलग बोरों में दो युवतियों के धड़ बरामद हुए।

इससे एक दिन पहले बृहस्पतिवार को सीतापुर के मानपुर थाने के कमियापुर में पुलिया के नीचे रखे ट्रॉली बैग में दो युवतियों के सिर मिले थे। मानपुर व मड़ियांव थाने में हत्या व साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज हुआ।

सनसनीखेज वारदात पर आईजी व डीआईजी ने न सिर्फ मौका मुआयना किया, बल्कि अपने अनुभव के आधार पर दोनों जिलों की पुलिस को निर्देश दिए। क्राइम ब्रांच व सर्विलांस सेल को भी सुराग लगाने का जिम्मा सौंपा गया, लेकिन पांच दिन बाद भी नतीजा शून्य है।

आईजी जोन जकी अहमद व डीआईजी रेंज डीके चौधरी का मानना है कि दोनों युवतियों की लखनऊ में शिनाख्त के डर से कातिलों ने उनके सिर 84 किमी. दूर सीतापुर के गांव कमियापुर में पुलिया के नीचे छिपाए।

अगले ही दिन सिर बरामद हो जाने से घबराए कातिलों ने युवतियों के धड़ व पैर बोरों में बंद करके सड़क किनारे फेंके। उस समय तक धड़ व पैरों से दुर्गंध आनी शुरू हो गई थी। अफसरों का मानना है कि युवतियों का कत्ल मड़ियांव या आसपास के इलाके में कर उनके शरीर के टुकड़े किए गए।

इसी आशंका के चलते आईजी ने मड़ियांव व उससे सटे इलाकों में गहन छानबीन के आदेश दिए गए। धड़ व सिर मिलने के चार दिन बाद भी शिनाख्त न होने से तय हो चला है कि युवतियों के कातिल उनके अपने ही थे। सवाल है कि युवतियां कौन थीं?

मड़ियांव क्षेत्र में मिले धड़ व पैर 30 व 40 वर्ष की दो युवतियों के थे और बांका या गड़ासा से उन्हें काटा गया था। तीन डॉक्टरों के पैनल ने सोमवार को धड़ व पैरों का आपस में मिलान करके पोस्टमार्टम किया।

विसरा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्वाब और डीएनए टेस्ट के लिए अवशेष सुरक्षित किए हैं। मड़ियांव इलाके में मिले धड़ व पैरों की 72 घंटे बाद भी पहचान न हो पाने पर डॉ. सैम रिजवी, डॉ. अरविंद व डॉ. संगीता श्रीवास्तव के पैनल ने सोमवार को पोस्टमार्टम किया।

सबसे पहले दो धड़ व चार पैरों का आपस में मिलान कराया गया। तय हुआ कि पैर व धड़ दो युवतियों के हैं। उनकी उम्र 30 व 40 वर्ष आंकी गई। डॉक्टरों का मानना है कि हफ्ता भर पहले भारी व धारदार हथियार से गला काटकर हत्या के बाद युवतियों के पैर काटे गए। धड़ व पैर बुरी तरह सड़ जाने से अंगुलियों की छाप नहीं ली जा सकी।

इंस्पेक्टर मड़ियांव संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पंचनामा के दौरान विभिन्न आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई थी। डॉक्टरों के पैनल ने सोमवार को पोस्टमार्टम किया, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट मंगलवार सुबह देने की बात कही है।

 

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