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नारायण दत्त तिवारी सपा में जाने की तैयारी में

sapa77खटीमा (उत्तराखंड)। वयोवृद्ध कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी के शीघ्र ही समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने और इस पार्टी के टिकट पर उत्तराखंड की नैनीताल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
सपा के प्रदेश सचिव एडवोकेट डा. इलियास सिद्दीकी ने संवाददाताओं को बताया कि सपा ने तिवारी को इस सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की है और अब गेंद तिवारी के पाले में है। ज्ञातव्य है कि समाजवादी आंदोलन से जुड़कर सोशलिस्ट पार्टी से यात्रा प्रारंभ करने वाले तिवारी की सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हाल के महीनों में घनिष्ठता बढ़ी है। 9० वर्षीय तिवारी पिछले डेढ़ दो वर्षों के दौरान सपा प्रमुख तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनों से लखनऊ में कई बार मिल चुके हैं। आंध्र प्रदेश में राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के तत्काल बाद ही उनका कांग्रेस से मोहभंग होना शुरू हो गया था और सपा से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं। सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दो बार और उत्तरखंड के एक बार मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी के पार्टी में आने से सपा को नया जोश मिलेगा। केंद्र सरकार में भी वह कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं। सपा के प्रदेश महासचिव अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि वयोवृद्ध अनुभवी नेता के सपा में आने की संभावना की सूचना से हमारे कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है। उन्होंने कहा कि तिवारी अगर इस सीट से निर्दलीय भी लड़ेंगे तो हम उनका स्वागत करने के साथ ही समर्थन भी देंगे। माना जा रहा है कि तिवारी के एक जैविक पुत्र (रोहित शेखर) होने का प्रकरण चुनावी मुद्दा न बनने पाए इसलिए उन्होंने इस प्रकरण का काफी सादगी से पटाक्षेप कर दिया है। चुनाव मैदान में उतरने की संभावनाओं के कारण ही वह होली के बाद इस सीट के भ्रमण पर 2० मार्च से आ रहे हैं। वह इसी सीट से तीन बार भारी मतों से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। हालांकि कद्दावर नेता तिवारी भाजपा के बलराज पासी से इसी सीट पर हारे भी थे। कांग्रेस युवा नेता व खटीमा के सभासद तथा तिवारी के पारिवारिक मित्र रमेश धीगड़ा (बॉबी) ने दावा किया कि तिवारी सपा में नहीं जाएंगे। बॉबी ने कहा कि यह सही है कि आंध्र प्रदेश में राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद कांगे्रस में वह हाशिये पर चले गए थे लेकिन उनके अनुभवों के कारण कांग्रेस में उनका सम्मान बरकरार है।

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