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नारायण मूर्ति ने कहा देश में 85% युवा किसी भी नौकरी के लायक नहीं

इंफोसिस के को-फाउंडर और मानद चेयरमैन एन. आर. नारायण मूर्ति ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में समस्याएं सुलझाने की बजाय मशीनी पढ़ाई पर जोर दिया जाता है। चेन्नई में पत्रकारिता के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति आंत्रप्रेन्योर के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। देश की शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए मूर्ति ने कहा कि देश स्टार्टअप के लिए माहौल बनाने में पिछड़ रहा है। भारत इस मामले में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी से बहुत पीछे है। नारायण मूर्ति ने कहा देश में 85% युवा किसी भी नौकरी के लायक नहीं

उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप के लिए एक बेहतर और सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है। देश में बेरोजगारी भी तभी कम होगी जब लोग बिजनेस को प्राथमिकता देंगे। सबसे पहले युवाओं को यह पता होना चाहिए कि वह किस क्षेत्र में बिजनेस करना चाहते हैं। फिर उन्हें उससे संबंधित किसी अच्छी कंपनी से जुड़ना चाहिए और सेल्स, मार्केटिंग और एचआर की बारीकियों को समझना चाहिए। इसके लिए युवाओं को अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित होना आवश्यक है। 

इसके बाद मूर्ति ने कहा कि भगवान राम के समय में भी हमारे पास रॉकेट और तकनीक थी, आज भी है। लेकिन उसकी परख ऐसी होनी चाहिए कि आज हमारे पास क्या है न कि 5,000 साल पहले हमारे पास क्या था। उन्होंने कहा देश में नागरिकों और विदेशियों के बीच विचारों के आदान प्रदान को और भी सक्रिय करने की जरूरत है। युवाओं को अपना दिमाग खुला रखना चाहिए और दूसरों से सीखने के लिए विनम्र रहना चाहिए।

मूर्ति ने आगे कहा कि उन्हें नहीं लगता कि देश आंत्रप्रेन्योर बनाने में युवाओं की मदद करने की स्थिति में नहीं हैं। इसके लिए भारत सरकार प्रयास भी कर रही है। सरकार ने मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों की भी शुरुआत की। लेकिन सिर्फ सरकार के करने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए राज्यों को भी महनत करनी होगी। देश के विभिन्न रज्यों में फैले भ्रष्टाचार, गैरजरूरी देरी और प्रताड़ना जैसी समस्याओं को खत्म करना होगा।    

 
 

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