उत्तराखंड

नारी निकेतन पहुंची जांच टीम, हंगामा, मीडिया पर पत्थरबाजी

nari-niketan-dehradun-564f7f3343c73_exlstराजकीय संवासिनी निकेतन में संवासिनी से दुराचार और गर्भपात की शिकायत की जांच के लिए शुक्रवार को गई अपर जिलाधिकारी झरना कमठान की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय टीम की मौजूदगी में संवासिनियों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने मीडियाकर्मियों पर पत्थरबाजी की। यही नहीं, प्रशासनिक अधिकारियों से भी बदसलूकी हुई।

पत्थरबाजी में एक मीडियाकर्मी का हाथ जख्मी होने के साथ कार का शीशा पर चटक गया। इस अप्रत्याशित घटना से अफरातफरी के बाद कुछ देर तक यातायात अवरुद्ध रहा। बाद में संवासिनी धरने पर बैठ गईं। शाम तक हंगामा चलने के कारण परिसर में महिला पीएसी तैनात की गई है। हालांकि, पत्थरबाजी के संबंध में पुलिस किसी तरह की तहरीर मिलने से इनकार कर रही है।

निकेतन में एक संवासिनी दुराचार से गर्भवती हो गई थी, जिसका निकेतन में ही गर्भपात करा दिया गया। इस सब में नारी निकेतन के कर्मचारियों की मिलीभगत बताई गई थी।

शारीरिक शोषण के संबंध में अमर उजाला की प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व झरना कमठान, सहायक समाज कल्याण अधिकारी मीनाक्षी उपाध्याय और दून महिला अस्पताल की चिकित्सक डॉ. अनूपा लाल सुबह साढे़ दस बजे के करीब नारी निकेतन पहुंचीं।

जानकारी के मुताबिक अंदर उन्होंने संवासिनियों मीनाक्षी और समा प्रवीन के साथ ही नर्स किरन और संप्रेक्षण गृह में कार्यरत समा निगार से बातचीत की। वे करीब 40 मिनट तक जांच-पड़ताल करती रहीं। इसी बीच कुछ हो-हल्ला शुरू हुआ। हो-हल्ले के दौरान एडीएम कमठान मेन गेट की तरफ बढ़ रही थी, उनके साथ ही कुछ संवासिनी और महिलाकर्मी भी साथ में चलते हुए शोर मचा रही थी।

गेट के बाहर सड़क पर मीडियाकर्मियों को देखकर संवासिनी भड़क गईं और गेट के पास पड़ी रोड़ी के ढेर से पत्थर उठाकर फेंकने शुरू कर दिए। करीब 15 मिनट तक संवासिनियों की ओर से पत्थरबाजी चलती रही। पत्थर लगने से मीडियाकर्मी वकील अहमद का हाथ जख्मी हो गया। अरविंद की कार का शीशा चटक गया। पत्थरबाजी से भगदड़ मच गई और यातायात थम गया। प्रदर्शनकारी महिलाएं जबरन बाहर निकलने का प्रयास कर रही थीं। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्रा, सीओ अरुण पांडेय नेहरू कालोनी पुलिस लेकर पहुंचे।

अधिकारियों की मौजूदगी में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। बीच-बीच में अंदर से पत्थर बाहर की तरफ आते रहे। इस लिहाज से पुलिस ने मीडियाकर्मियों और तमाशबीनों को वहां से पीछे कर दिया। हंगामे के बीच जांच टीम नारी निकेतन से बाहर आ गई।

पीछे से कुछ संवासिनियों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन महिला पुलिस कर्मियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। शाम तक नारी निकेतन में संवासिनियों का हंगामा चलता रहा। संवासिनियों ने खाना खाने से मना कर दिया, कुछ देर धरने पर बैठीं और बोली कि नारी निकेतन की काफी बेइज्जती हो चुकी है। अब वे यहां यहां नहीं रहेंगी। उन्होंने ताला तोड़ने की भी कोशिश की। संवासिनियां किसी भी तरह नारी निकेतन से भागने के प्रयास में दिखीं।

एडीएम झरना ने बताया कि संवासिनियों का उग्र रवैया देख पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी, इसके चलते जांच नहीं हो पाई और जांच समिति को लौटना पड़ा। बताया कि जल्द ही टीम दोबारा नारी निकेतन जाएगी।

 

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