नालंदा विश्वविद्यालय अब यूनेस्को की विश्व धरोहर की दौड़ में
नयी दिल्ली (एजेंसी)। नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों का इस सप्ताह पेरिस के इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मान्यूमेंटस एंड साइटस की टीम निरीक्षण करेगी और बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत भी करेगी ताकि इस प्राचीन स्थल को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा मिल पाए। संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से 23 जनवरी को 200 पृष्ठों का एक नामांकन डोजियर भेजा था । एएसआई पटना सर्किल के अधिकारी एवं कर्मचारी इस टीम के दौरे को लेकर बहुत उत्साहित हैं। एएसआई पटना सर्किल के अधीक्षक पुरातत्वविद एच ए नायक ने पटना से से कहा, आईसीओएमओएस की एक विशेषज्ञ टीम इस प्राचीन स्थल का निरीक्षण करने के लिए नालंदा का दौरा करेगी और डोजियर में हमने जो ब्योरा दिया है उसका परीक्षण करेगी। हमारे नामांकन प्रयास का यूनेस्को नियमावली के नियम चार और छह के तहत परीक्षण किया जाएगा। टीम 26-27 अगस्त के दौरान नालंदा का दौरा करेगी।
दुनिया के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में एक इस प्राचीन शिक्षण स्थल का निर्माण छठी शताब्दी में हुआ था दौर यह गुप्तकाल में फला-फूला । इस विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने 1193 में नष्ट कर दिया था।