जीवनशैली

निजी आरामगाह का देश में बढ़ता चलन

outनई दिल्ली। नीलम कुमार चाहती हैं कि अवकाश के दिनों में ऐसे स्थान पर ठहरें जहां एकांत मिले लेकिन कई बार पांच सितारा होटलों में भी वह नहीं मिल पाता। इस कारण उन्होंने गोवा में एक फ्लैट खरीदा और उसे भव्य रूप दिया। अब वह जब गोवा जाती हैं तो इसी आरामगाह में ठहरती हैं और जब खुद इसका उपयोग नहीं करती हैं तो इसे किराए पर दे देती हैं। नीलम कुमार ने कहा ‘‘मेरे पास गोवा में एक अपार्टमेंट है जब मैं इसका उपयोग नहीं करती हूं तो दैनिक आधार पर इसे किराये पर दे देती हूं।’’ दिसंबर और जनवरी के व्यस्त मौसम में एक अपार्टमेंट का किराया प्रति दिन 15,००० रुपये होता है। नवंबर में रोजाना 1०,००० रुपये और अन्य दिनों में किराया करीब 7,००० रुपये रोजाना होता है। इन दिनों गोवा तथा पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर आलीशन आरामगाह खरीदने का चलन बढ़ रहा है जिसमें कई तरह की सुविधाएं हों। यहां लोग खुद रहा करते हैं और जब खुद नहीं रहते हैं किराये पर लगा देते हैं।
इन अपार्टमेंटों में होटलों की तरह सेवाएं मौजूद होती हैं। कपड़े धोने खाना बनाने और अन्य सेवाओं के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं। नीलम कुमार साल में करीब तीन बार गोवा चली जाती हैं। उन्होंने कहा ‘‘मेरे तकरीबन सभी मित्रों के पास गोवा में घर है।’’ विनार कंस्ट्रक्शंस के प्रबंध साझेदार वरुण नागपाल ने कहा ‘‘लोग समुद्र किनारे और पहाड़ों पर आरामगाह पसंद करते हैं।’’ विनार कंस्ट्रक्शन की गोवा में छह परियोजनाएं हैं जिनमें से दो पर काम चल रहा है। नागपाल ने कहा ‘‘युवा वर्ग इसे निवेश के तौर पर देखते हैं।’’ पश्चिम की भांति आजकल भारत में भी ऐसे आरामगाहों की लोकप्रियता बढ़ रही है। नागपाल ने कहा ‘‘लोग वहां आते हैं। गोवा में सब कुछ है। बुजुर्ग यहां आराम करने तथा युवा समुद्र किनारे मस्ती करने आते हैं।’’

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