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नीतीश सत्ता के लिए हैं लालू के साथ : शाह

दस्तक टाइम्स/एजेंसी

as1नवादा (बिहार) । बिहार में सत्ता पाने के लिए खूब पसीना बहा रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जो नीतीश कुमार लालू प्रसाद के शासनकाल को ‘जंगलराज’ कहा करते थे, आज वही नीतीश सत्ता के लिए लालू प्रसाद के साथ हो गए हैं। नवादा के रजौली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि लालू प्रसाद के पास विकास का कोई मुद्दा नहीं है। वह गोमांस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष कर बिहार की जनता का विकास के मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं।
शाह ने लोगों को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों को जिताने का आान करते हुए कहा, “ईवीएम का बटन ऐसे दबाएं कि राहुल के ननिहाल इटली तक करंट दौड़ जाए।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि हमें केंद्र सरकार का पैकेज नहीं चाहिए। आखिर वे कैसे भूल जाते हैं कि केंद्र का पैकेज बिहार के विकास के लिए है। नीतीश पहले भी मदद का पैसा लौटा चुके हैं। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि अगर नीतीश मुख्यमंत्री बन गए तो पैकेज का पैसा लौटा देंगे।”

नीतीश कुमार ने लालू जी के जंगलराज को गालियां दी थीं। आज मुख्यमंत्री बनने के लिए उनके साथ गठबंधन कर बैठे हैं। लालू जी आप बिहार के विकास, दवाई और कमाई की बात क्यों नहीं करते हो, क्यों कौवों और चूहों में लगे हुए हो। लालू जी बोल गए, हिंदू भी गाय का मांस खाते हैं, रघुवंश जी कहते हैं, ऋषि मुनि भी गाय का मांस खाते थे। लालू जी को इसका जवाब देना चाहिए। अमित शाह ने सवाल उठाया कि लालू जी ने चारा घोटाले में जेल जाने के बाद किसी पिछड़े को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया। उनको सिर्फ परिवार की चिंता रहती है। भाजपा अध्यक्ष ने सवालिया लहजे में कहा, “क्या बिहार के लोग 15 वर्ष के जंगलराज को भूल गए? उस दौर में अपहरण और लूट आम बात थी। ऐसे में क्या जनता फिर से उस दौर को देखना चाहती है?” शाह ने कहा कि बिहार का यह चुनाव सिर्फ बिहार के लिए नहीं, देश के लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार चुनाव ‘विकास’ बनाम ‘जंगलराज’ के नाम पर लड़ा जा रहा है। एक तरफ विकास करने वाली भाजपा है तो दूसरी तरफ जंगलराज लाने वाले लालू और नीतीश हैं। भाजपा अध्यक्ष हालांकि अपने भाषणों में यह गारंटी नहीं दे रहे हैं कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर बिहार में भी मध्यप्रदेश के ‘व्यापम’ जैसा महाघोटाला या छत्तीसगढ़ की तरह चावल, नान व नमक घोटाला नहीं होगा।

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