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नेताजी के परिवार से मिलेंगे मोदी, जनशक्ति को सराहा

दस्तक टाइम्स/एजेंसी

man1नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह अक्टूबर में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के 5० सदस्यों से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जनशक्ति की सराहना की और एक साल में खादी की बिक्री दोगुनी होने पर खुशी भी जताई। उन्होंने कहा कि वह कोलकाता में नेताजी के घर गए थे और वहां उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की। मोदी ने कहा कि उन्होंने उनके परिवार को अपने आधिकारिक आवास पर आमंत्रित करने का फैसला लिया है। सुभाष चंद्र बोस के परिवार के ये 5० सदस्य दुनिया के अलग-अलग कोनों में रहते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से मिला न्योता स्वीकार कर लिया है।
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मुझे प्रधानमंत्री आवास पर बोस परिवार के 5० सदस्यों का स्वागत करने का सौभाग्य मिलेगा। मुझे नहीं लगता कि बोस परिवार को कभी साथ में प्रधानमंत्री आवास पर जाने का अवसर मिला है।’’ मोदी की ओर से यह घोषणा उस वक्त की गई है, जब हाल में ही पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी से जुड़ी 65 फाइलें सार्वजनिक कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार नेताजी से जुड़ी 13० फाइलें सार्वजनिक करने पर अब तक चुप्पी साधे रही।
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि सरकार दूसरे देशों के साथ अपने संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के बाद ही उन फाइलों को सार्वजनिक करने के बारे में कोई फैसला करेगी।
प्रधानमंत्री ने बाद में अपने रेडियो भाषण में बताया कि कैसे स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने ‘आजाद हिंद रेडियो’ लांच कर रेडियो को लोगों से जुड़ने का एक दमदार माध्यम बनाया था। प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग की भी सराहना की और कहा कि एक नियामक से आयोग ने खुद को सहायक और मतदाता के मित्र के रूप में स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने रेडियो पर अपने पहले भाषण में खादी के उत्पाद खरीदने का आग्रह किया था और एक वर्ष के अंदर खादी की बिक्री दोगुनी हो गई। रविवार को भी उन्होंने आगामी त्योहारों में खादी के उत्पाद खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इस दिवाली आप खादी के उत्पाद खरीदें।’’ प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ में जनशक्ति की भी सराहना की। मोदी ने कहा कि बदलाव लाने के लिए सरकार एक उत्प्रेरक के तौर पर समाज के साथ मिलकर काम कर सकती है। मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 12वें संस्करण में कहा, ‘‘मन की बात ने मुझे समाज में बदलाव के लिए जनशक्ति के बारे में काफी कुछ सिखाया।’’
मोदी ने कहा कि सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के उपाय सुझाने के लिए जनता से किए आग्रह को भी भरपूर प्रतिक्रिया मिली है। लोगों ने इस बारे में आकाशवाणी और सरकारी वेबसाइट जीओवी डॉट इन पर लिखे हैं।
मोदी ने कहा कि उन्हें मिले लाखों पत्रों ने सरकारी योजनाओं को लेकर लोगों की विभिन्न समस्याओं के बारे में उनकी आंखें खोल दी हैं। जनशक्ति का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि उनके ‘सेल्फी विद डॉटर’ को लाखों प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। मोदी ने कहा कि यह मौन क्रांति सरीखा है। मोदी ने कहा कि देशभर के मजेदार स्थलों की तस्वीरें भेजने के उनके आग्रह को भी काफी समर्थन मिला है।
मोदी ने कहा, ‘‘शायद पर्यटन विभाग के पास भी इतनी तस्वीरें नहीं हैं और भारत सरकार ने इस पर कुछ खर्च भी नहीं किया।’’

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