अन्तर्राष्ट्रीय

नॉर्थ कोरिया की नई बैलेस्टिक मिसाइल की जद में पूरा अमेरिका, एक्शन की तैयारी में ट्रंप

वाशिंगटन. परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने जिस नये अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है जिसकी जद में ‘पूरा अमेरिकी महाद्वीप’ आ गया है. सरकारी टेलीविजन द्वारा दी गयी एक जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने ह्वासोंग-15 मिसाइल का परीक्षण करने की घोषणा की है. नॉर्थ कोरिया की नई बैलेस्टिक मिसाइल की जद में पूरा अमेरिका, एक्शन की तैयारी में ट्रंप

वहीं, उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल के जापान सागर में गिरने के बाद अमेरिका ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने आशंका जताई कि उत्तर कोरिया संभवतः ऐसी मिसाइलें विकसित कर रहा है जो ‘दुनिया में कहीं भी’ मार करने में सक्षम होंगी. मैटिस के अनुसार दो महीने की शांति के बाद प्योंगयांग ने एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण किया, जिसने उसके द्वारा दागी गई पहले की सभी मिसाइलों से कहीं अधिक ऊंची उड़ान भरी.

ऐसा माना जा रहा है कि आईसीबीएम बिना किसी को नुकसान पहुंचाए जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में जा गिरी. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि यह ताजा मिसाइल प्रक्षेपण एक ‘हिंसक कृत्य’ है जिसे बर्दाशत नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक तत्काल बुलाने की मांग की. मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने भी इसपर इसी तरह प्रतिक्रिया दी और उन्होंने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सत्र तत्काल बुलाने की मांग की है.

यह सत्र बुधवार शाम साढ़े चार बजे (ईएसटी) हो सकता है. आबे ने पत्रकारों से कहा, ‘हम किसी भी उकसाने वाले कृत्य के आगे नहीं झुकेंगे. हम अपना अधिकतम दबाव बनाएंगे.’ अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों की सूची में डालने के एक सप्ताह बाद यह उकसावे भरी कार्रवाई की गई है. वाइट हाउस के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उस समय उत्तर कोरिया की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई जब मिसाइल हवा में ही थी. उन्होंने स्थिति से निपटने का आश्वासन दिलाया है.

ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ‘उत्तर कोरिया की ओर से थोड़ी देर पहले मिसाइल दागी गई है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम स्थिति पर काबू पा लेंगे. हमने जनरल मैटिस से इसपर लंबी चर्चा की है. हम इस स्थिति से निपट लेंगे.’ पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रोब मैनींग ने कहा कि अमेरिका के रक्षा विभाग ने पता लगाया कि उत्तर कोरिया की ओर से दोपहर एक बजकर 17 मिनट (ईडीटी) पर मिसाइल दागी गई. प्रांरभिक अनुमान से प्रतीत होता है कि मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) थी. 

अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने मीडिया से कहा, ‘करीब ढाई घंटे पहले उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम मिसाइल दागी, जिसने उसके द्वारा पहले दागी गई अन्य सभी मिसाइलों से अधिक ऊंची उड़ान भरी. अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया लगातार परमाणु हथियार पाने के प्रयास कर रहा है और उसे ऐसा करने से रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उत्तर कोरिया को एकजुट होकर एक संदेश देना चाहिए कि डीपीआरके को अपने डब्ल्यूएमडी कार्यक्रमों पर रोक लगानी होगी। सभी देशों को मजबूत आर्थिक एवं राजनयिक उपाय करने जारी रखने चाहिए.

इस बीच एएफपी की एक खबर के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कोरिया के उनके समकक्ष मून जे-इन ने फोन पर बातचीत की और इस मिसाइल प्रक्षेपण को विश्व के लिए ‘गंभीर’ खतरा बताया. वाइट हाउस के अनुसार, ‘दोनों नेताओं ने गंभीर खतरे को रेखांकित किया कि उत्तरी कोरिया की ओर से की गई उकसावे भरी इस कार्रवाई से न केवल अमेरिका और दक्षिण कोरिया बल्कि पूरी दुनिया को खतरा है.

दक्षिण कोरिया ने की आलोचना

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने उत्तर कोरिया द्वारा आज किये गये ‘दुस्साहसी’ मिसाइल परीक्षण की आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि कोरियाई महाद्वीप में हालात बिगड़ रहे हैं और वह संघर्ष का रूप ले सकते हैं. आपात स्थिति में बुलायी गयी राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मून ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण ‘दुस्साहस भरा उकसावा’ है जो मौजूदा तनाव को गंभीर स्थिति में ले जाएगा. परीक्षण के लिए दागी गई मिसाइल जापान के पास समुद्र में गिरी है.

मून ने कहा, ‘यदि उत्तर कोरिया दूसरे महाद्वीप तक मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल विकसित कर लेता है तो हालात काबू से बाहर हो जाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसे हालात पैदा होने से रोकना होगा जहां उत्तर कोरिया स्थिति का गलत आकलन कर ले और हमें परमाणु हथियारों की धमकी दे, या फिर अमेरिका हमले (उत्तर कोरिया के खिलाफ) की योजना बनाये.’

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