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पढ़े-लिखे दलितों से नफरत करती हैं मायावती : उदित राज


नई दिल्ली : भाजपा सांसद उदित राज ने बसपा प्रमुख मायावती पर हमला बोलै और कहा कि मायावती प्रधानमंत्री बन भी जाएं तो दलितों का कोई भला नहीं होने वाला है। मायावती पढ़े लिखे दलितों से नफरत करती हैं, वो प्रधानमंत्री बन भी जाएंगी तो फायदा कहां हो पाएगा। चीफ मिनिस्टर चार बार बनीं कौन सा फायदा हुआ? बीजेपी में बड़ा दलित चेहरा माने जाने वाले उदित राज ने कहा, सत्ता में आने के बाद मायावती ब्यूरोक्रेट्स से घिर जाती हैं, अपना भाषण अभी पढ़कर बोलती हैं। लीडर के अंदर अगर अंडरस्टैंडिंग नहीं है तो चाहे वो पीएम ही क्यों न बन जाए कुछ नहीं कर सकता। मैं एक निष्पक्ष उदाहरण देता हूं, दिल्ली सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में रिफॉर्म किया, क्या मायावती ऐसा उत्तर प्रदेश में नहीं कर सकती थीं? उदित राज ने सवाल किया कि मायावती ने कौन सा ऐसा मौलिक काम किया है जिससे गरीबों, दलितों का भला हुआ है? कम से कम शिक्षा में ही सुधार कर देतीं। ऐसे में वो प्रधानमंत्री बन जाएंगी तो भी दलितों का क्या भला हो पाएगा, वो घिर जाएंगी किसी मिश्रा जी, पंडित जी, किसी तिवारी जी से…मैं ये नहीं कह रहा कि किसी मिश्रा, तिवारी, पंडित के साथ काम मत करो, लेकिन वो तो पढ़े-लिखे दलितों से दूर रहती हैं, किसी की सलाह नहीं सुनना चाहतीं।

उदित राज ने कहा कि पार्टी पांच साल तक धरना-प्रदर्शन नहीं करती है, मांगों को नहीं उठाती है, उसमें केवल वोट डालने की तैयारी होती रहती है। तमाम ऐसी पार्टियां हैं जो सत्ता में नहीं हैं फिर भी वो अपना काम करवा लेती हैं, बसपा क्या करती है? उदित राज ने कहा मैं विरोध नहीं कर रहा मायावती का, लेकिन दलित समाज का फायदा क्या है? उधर, उदित राज के इस बयान पर बसपा प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने नाराजगी जताई है, उन्होंने कहा, उदित राज झूठ बोल रहे हैं। बसपा प्रमुख ने राज्यसभा में ज्यादातर दलितों और ओबीसी को भेजा, सबसे ज्यादा दलितों, ओबीसी को हिस्सेदारी दी है। बसपा में पढ़े-लिखे लोगों की कमी नहीं है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने भाजपा पर भी कटाक्ष किया और कहा कि मैं बीजेपी के साथ राजनीतिक रूप से हूं, सैद्धांतिक नजरिये से नहीं।

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