राज्य

पश्चिम बंगालः पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन में 2 की मौत

पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो उठा। हिंसक भीड़ ने दस पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जबकि इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की पहचान 26 वर्षीय मफीजुल खान और आलम मुल्ला के रूप में की गई है। पीड़ितों के परिवार ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर फायरिंग का आरोप लगाया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाके में आरएएफ की तैनाती की गई है।  
दूसरी ओर पुलिस ने किसी भी प्रकार की फायरिंग से इनकार किया है, उनका कहना है कि प्रदर्शन कर रही भीड़ ने ही फायरिंग शुरू की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूरे मामले में बाहरी लोगों और माओवादियों की संलिप्तता की जांच चल रही है। 
गोली लगने से घायल हुए व्यक्ति को एसएसकेएम हॉस्पिटल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने उसकी पहचान मफीजुल अली खान(26) के रूप में की है। मफीजुल भांगर का रहने वाला है। एक अधिकारी ने कहा, ‘मफीजुल को पीठ में गोली लगी थी और मौत का कारण ज्यादा खून बहना है।’
दक्षिणी 24 परगना के एसपी सुनील कुमार चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई। प्रदर्शन कर रहे लोगों की ओर से हुई फायरिंग और बमबाजी के चलते बड़ी संख्या में पुलिस वाले घायल हुए हैं।’
bhangar-land-protest_1484713921

अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं किसान

पिछले अक्टूबर से ही भांगर में तनाव बना हुआ था, स्थानीय किसान पावर ग्रिड सबस्टेशन के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, इस सबस्टेशन के जरिए पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों में बिजली का ट्रांसमिशन हो सकेगा। 2013 में लगभग 13 एकड़ जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए किसानों से ली गई। हालांकि प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि उनको जमीन का बाजार भाव नहीं मिला। लिहाजा किसान प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं और अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं।

प्रोजेक्ट पर पिछले दो सप्ताह से काम बंद है, लेकिन पिछले दो दिनों में प्रदर्शन की धार और तेज होती गई है। तृणमूल कांग्रेस के दो नेता अब्दुर रज्जाक मुल्ला और मुकुल रॉय को स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा गया था, लेकिन दोनों नेता प्रभावित इलाके में घुस नहीं पाए। 

दूसरी ओर सोमवार को प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कालू शेख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद मामला बढ़ गया। गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया और पुलिस को शेख को रिहा करना पड़ा। 

पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री सोवानदेब चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘मैंने पहले ही इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जानकारी दे दी है। प्रोजेक्ट पर दो हफ्ते पहले ही काम रोक दिया गया है, जब प्रदर्शनकारियों की मांग पर पहले ही विचार चल रहा है, तो हिंसा की ताजा घटनाएं क्यों हो रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।’

Related Articles

Back to top button