पश्चिम बंगाल के कौन हैं वो पुलिस अफसर, जिनके लिए रातों-रात धरने पर बैठ गईं ममता बनर्जी
कोलकाता : शारदा चिटफंड और रोज वैली मामले को लेकर ममता बनर्जी सरकार और सीबीआई आमने सामने है। कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने गई सीबीआई टीम के ऑफिसर को कोलकाता पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। हालांकि, बाद में इन्हें छोड़ दिया गया। कुल मिलकर ये कहें कि अपने एक पुलिस कमिश्नर के लिए ममता बनर्जी ने सीधे केंद्र सरकार और सीबीआई से टक्कर ले ली है। आइए जाने कौन हैं ये पुलिस ऑफिसर जिसने बंगाल सहित पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है? राजीव कुमार बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय कोलकाता पुलिस आयुक्त हैं। राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। वैसे राजीव कुमार मूल रूप से यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं। बताते हैं कि राजीव कुमार के पिता आनंद कुमार चंदौसी के एसएम कॉलेज में प्रोफेसर थे। इसके बाद उनका परिवार यहीं बस गया, राजीव कुमार ने इसी महाविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की लेकिन यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह पश्चिमी बंगाल चले गए थे। शारदा चिट फंड घोटाला बंगाल का एक बड़ा घोटाला है, जिसमें कई रसूखदार लोगों के हाथ होने का आरोप लगता रहा है। पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने के लिए कई लुभावन ऑफर दिए थे। इस कंपनी की ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए। दरअसल, राजीव कुमार शारदा चिट फंड मामले में जांच के घेरे में है। राजीव कुमार ने ही चिट फंड घोटालों की जांच करने वाली एसआईटी टीम की अगुवाई की थी, साथ ही कहा गया था कि इस जांच के दौरान घोटाला हुआ था। इस कमिटी की स्थापना साल 2013 में की गई थी। घोटाले की जांच से जुड़ी कुछ अहम फाइल और दस्तावेज गायब हैं। वहीं, सीबीआई गुम फाइलों और दस्तावेजों को लेकर पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करना चाहती है।