अन्तर्राष्ट्रीय

पाक को डर, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-अमेरिका आएंगे और करीब

बराक ओबामा के राष्ट्रपति काल में ही अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध बिगड़ने लगे थे।

इस्लामाबाद। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं। नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में वाशिंगटन और नई दिल्ली के संबंध और प्रगाढ़ होने की संभावना से पड़ोसी देश के विशेषज्ञ परेशान हैं। उन्हें आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर अमेरिकी दबाव का भय भी सताने लगा है। बराक ओबामा के राष्ट्रपति काल में ही अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध बिगड़ने लगे थे।

आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ इस्लामाबाद की कार्रवाई से असंतुष्ट अमेरिका ने रियायती दर पर एफ-16 लड़ाकू विमान देने के सौदे और दो हजार करोड़ रुपये की अन्य सैन्य सहायता रोक दी थी। दीवार के लिए मेक्सिको से आयात पर 20 फीसदी कर लगा सकते हैं ट्रंप अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत रहे रुस्तम शाह मुहम्मद ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में इस्लामाबाद और काबुल के प्रति अमेरिका की मौजूदा नीतियों में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना कम है।

लेकिन, अमेरिका के भारत के और करीब आने के संकेत मिले हैं। अमेरिका को बड़े सहयोगी की जरूरत है, जिसमें भारत फिट बैठता है। वाशिंगटन के नई दिल्ली के करीब जाने से पाकिस्तान और अमेरिका के बीच की खाई और बढ़ेगी।’ पेशावर विश्वविद्यालय में एरिया स्टडी सेंटर के निदेशक सरफराज खान का मानना है कि अमेरिका, अफगानिस्तान में मौजूद सुरक्षाबलों के लिए खतरा बने गुटों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दबाव डालता रहेगा। ट्रंप प्रशासन अफगान तालिबान को बातचीत के लिए राजी करने को कहेगा या उस पर कार्रवाई का दबाव डालेगा। 

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