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पाक में इमरान खान के जीतते ही चीन ने फिर डोकलाम में शुरू कर दी अपनी गतिविधियां, भारत खामोश

विवादित दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास की तरह ही चीन हिमालयी क्षेत्र दोकलम में भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। दोनों क्षेत्रों में चीन की गतिविधियों की तुलना करते हुए अमेरिका के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चीन ने दोकलम क्षेत्र में चुपचाप अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि न तो भूटान और न ही भारत ने उसे ऐसा करने से रोका है।

पाक में इमरान खान के जीतते ही चीन ने फिर डोकलाम में शुरू कर दी अपनी गतिविधियां, भारत खामोशबता दें कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता रहा है। वहीं, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रूनेई और ताईवान इस दावे का विरोध करते रहे हैं।

दक्षिणी एवं मध्य एशिया के लिए विदेश मंत्रालय के प्रमुख उप सहायक एलीस जी वेल्स ने एक संसदीय सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा कि मेरा आकलन है कि भारत मजबूती से अपने उत्तरी सीमा का बचाव कर रहा है और यह भारत के लिए चिंता का विषय है। वेल्स भारतीय सीमा के निकट सड़क बनाने की चीन की उग्र गतिविधियों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

भारत और चीन के बीच हिमालयी क्षेत्रों को लेकर लगातार विवाद होते रहे हैं। हाल ही में चीन और भारत के बीच दोकलम मुद्दे को लेकर गतिरोध पैदा हो गया था। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने दोकलम में सड़क निर्माण का काम शुरू किया था, जिसके बाद से चीन और भारत के बीच गतिरोध शुरू हुआ था।

भारत के साथ रणनीतिक संबंध बढ़ाने का विधेयक अमेरिकी कांग्रेस में पेश

भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक विधेयक पेश किया गया। यह विधेयक कई प्रभावशाली सांसदों ने पेश किया। ‘अमेरिका-भारत सहयोग बढ़ाओ अधिनियम को सांसद जो विल्सन ने भारतीय मूल के सांसदों एमी बेरा, जॉर्ज होल्डिंग और तुल्सी गोबार्ड के साथ पेश किया। यह अधिनियम, शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम में विधायी परिवर्तन चाहता है, जो भारत को अपने प्रमुख सहयोगियों के बराबर लाएगा।

भारत के पास पाक-चीन गठजोड़ से चिंतित होने की सारी वजहें हैं : अमेरिकी सांसद

अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के पास पाकिस्तान-चीन के गठजोड़ से चिंतित होने की सारी वजहें हैं, जो अपने पड़ोसियों के साथ क्षेत्र में लोकतंत्र के लिए खतरा बनकर उभरे हैं।

चीन, पाकिस्तान का सदाबहार सहयोगी बनकर उभरा है जहां उसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के तहत 50 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की कई विकास परियोजनाएं शुरू कर रखी हैं। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पठानकोट आतंकवादी हमले के  मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के कदम को भी अवरुद्ध किया था।

क्या है दोकलम विवाद?

तमाम विवादित मुद्दों पर इतिहास का संस्मरण देने वाला चीन दोकलम मुद्दे पर भी कुछ ऐसा ही तर्क दे रहा है। चीन के अनुसार दोकलम नाम का इस्तेमाल तिब्बती चरवाहे पुराने चारागाह के रूप में करते थे। चीन का ये भी दावा है कि दोकलम में जाने के लिए 1960 से पहले तक भूटान के चरवाहे उसकी अनुमति लेकर ही जाते थे।

हालांकि एतिहासिक रूप से इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं। असल में इस पूरे विवाद की जड़ ही दूसरी है, दोकलम का इलाका भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। 

भारत के सिक्किम, चीन और भुटान के तिराहे पर स्थित दोकलम पर चीन हाइवे बनाने की कोशिश में था, जिसका भारतीय खेमा विरोध किया था। उसकी बड़ी वजह ये है कि अगर दोकलम तक चीन की सुगम आवाजाही हो गई तो फिर वह भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाली चिकन नेक तक अपनी पहुंच और आसान कर सकता है।

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