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पापमोचनी एकादशी: आज भगवान विष्णु करेंगे समस्त पापों से मुक्त, जानिए पूजा-विधि…

Papmochani Ekadashi 2020: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है, जो इस वर्ष 19 मार्च 2020 दिन गुरुवार को है। पापमोचनी एकादशी के दिन श्रीहरि भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की पूजा की जाती है। आज के दिन व्रत रखते हुए विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से अनजाने में हुए समस्त पापों का नाश हो जाता है। पापमोचनी एकादशी व्रत के बारे में भविष्योत्तर पुराण में विस्तार से बताया गया है।

इस वर्ष विशेष है पापमोचनी एकादशी

इस वर्ष पापमोचनी एकादशी गुरुवार के दिन पड़ रही है। आपको पता है कि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है और पापमोचनी एकादशी को भी भगवान विष्णु की आराधना की जाती है, इसलिए गुरुवार के दिन पापमोचनी एकादशी पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है।

पापमोचनी एकादशी मुहूर्त

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 मार्च दिन गुरुवार को तड़के 04 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है, जो 20 मार्च दिन शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 59 मिनट तक है।

पारण का समय

पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को पारण करने के लिए 20 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक का समय है।

व्रत एवं पूजा विधि

दशमी तिथि को सात्विक भोजन करें और भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की आराधना करें। एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करके पापमोचनी एकादशी व्रत का संकल्प करें। इसके पश्चात भगवान विष्णु की अक्षत्, पुष्प, चंदन, गंध आदि से षोड्षोपचार पूजन करें। अब भगवान के समक्ष बैठकर पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें।

एकादशी को पूरे दिन श्रीहरि विष्णु के नाम का जागरण करें, आपको पुण्य मिलेगा। द्वादशी के दिन स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें। अब पारण के समय पर पारण करके व्रत पूरा करें।

पापमोचनी एकादशी का महत्व

पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से अनजाने में किए गए पाप कर्मों के लिए मिलने वाले दंड से मुक्ति मिल जाती है। पापमोचनी एकादशी के नाम से ही ज्ञात है कि वह एकादशी जो पाप को नष्ट कर दे।

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