उत्तर प्रदेश

पिता की डांट पर 12 साल की उम्र में छोड़ा घर, 14 साल बाद लग्ज़री गाड़ी में लौटा वापस

हरदोई: किसी ने कहा है कि हमारी ज़िंदगी के तमाम फ़ैसले हमारी किस्मत तय करती है. ज़िंदगी के सफर में बढ़ने वाले कदम बेशक हमारे होते हैं लेकिन सफ़र में हमें किस रास्ते पर आगे बढ़ना यह तय करती है हमारी नियति. इस बात पर अगर आपको यकीन ना हो तो इस युवक की कहानी जान लीजिए, जो एक गरीब परिवार में पैदा हुआ लेकिन कई साल बाद अपने साथ अमीरी लेकर घर लौटा. रिंकू ने 12 साल की उम्र में सिर्फ़ दो जोड़ी कपड़ों के साथ घर छोड़ा था, वह जब घर लौटा तो एक उसकी किस्मत पलट चुकी थी.

बात है 2007 की, छह भाई बहनों में चौथे नंबर का रिंकू पढ़ने में कम और मस्ती करने में ज़्यादा ध्यान देता था. यही वजह थी कि पढ़ाई के लिए उसे हमेशा अपने पिता जी से डांट पड़ती रहती थी. ना तो रिंकू की शैतानियां कम हो रही थीं और ना ही पिता जी डांटना कम कर रहे थे. इसी क्रम में एक दिन उनके पिता ने उन्हें इतना डांट दिया कि जिसके बाद रिंकू ने वो किया जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. पिता की डांट से नाराज रिंकू ने घर छोड़ दिया. 12 साल के रिंकू ने जब घर छोड़ कर गया था तब उसने घर से जाते हुए पुराने कपड़े पहने थे तथा इन पुराने कपड़ों के अंदर एक नई टी शर्ट पहनी थी. 12 साल का जो दुबला पतला रिंकू घर छोड़ कर गया था वह 14 साल बाद एक हट्टे कट्टे पगड़ीधारी युवक के रूप में घर लौटा.

घर से भागने के बाद रिंकू एक ट्रेन में सवार हो गया जिसने हरदोई के रिंकू को पंजाब के लुधियाना पहुंचा दिया. यहां रिंकू को एक सरदार जी ने आसरा दिया. रिंकू ने उसी सरदार जी की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करना शुरू कर दिया. घर से भागे रिंकू ने इस ट्रांसपोर्ट कंपनी में इस तरह से मन लगाकर काम किया कि आगे चलकर वह खुद ट्रक का मालिक बन गया. लुधियाना में ट्रक का मालिक बन चुका रिंकू अपनी ज़िंदगी में मस्त था. लेकिन नियति ने उसे एक बार फिर से अपने घर वापस भेजने का बहाना खोज ही लिया.

दरअसल रिंकू के घर लौटने का बहाना कुछ इस तरह बना कि उनके एक ट्रक का धनबाद में एक्सीडेंट हो गया. जिसे छुड़ाने के लिए रिंकू अपनी लग्जरी कार से धनबाद जा रहा था. धनबाद के रास्ते में ही उसका गांव पड़ता था. जब वह हरदोई पहुंचा तो सालों से उसके मन में दबे परिवार का मोह एक बार फिर से जाग उठा और उसने फैसला किया कि वह अपने गांव जा कर अपने परिवार से मिलेगा. घर परिवार की याद आते ही रिंकू अपना जरूरी काम भी भूल गया और धनबाद न जाकर सीधे पहुंच गया हरदोई स्थित अपने गांव.

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