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पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती को जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया

mehbooba-mufti_650x400_51456669584एजेन्सी/ नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में बीजेपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार के गठन पर चर्चा के लिए श्रीनगर में पीडीपी की एक अहम बैठक चल रही है। ऐसा पूरी संभवना है कि बैठक में पीडीपी विधायक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को समर्थन की घोषणा कर सकते हैं, जिससे उनके राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।

इस बैठक से कुछ घंटों पहले महबूबा दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अपने पुस्तैनी शहर बिजबेहरा में अपने पिता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर भी गई। पीडीपी के एक नेता ने बताया, ‘जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार के संदर्भ में आखिरी फैसला करने से पहले महबूबा दुआ मांगने के लिए बिजबेहरा स्थित पिता की कब्र पर गईं।’ पीडीपी नेता ने साथ ही बताया, ‘महबूबा मुफ्ती इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात सहित ताजा हालात से पार्टी विधायकों को अवगत कराएंगी।’

इससे पहले बीजेपी ने बुधवार को साफ शब्दों में कहा था कि उसे सरकार गठन के लिए पीडीपी की कोई नई शर्त मंजूर नहीं। इसके साथ ही उसने साफ किया था कि सरकार गठन के लिए अगला कदम पीडीपी को ही उठाना है।

उधर बीजेपी महासचिव राम माधव और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति की समीक्षा के लिए पार्टी विधायकों के साथ बैठक करेंगे और राज्य के राज्यपाल के साथ बैठक से पहले उनकी राय जानेंगे।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी हाईकमान ने राम माधव और जितेंद्र सिंह को जम्मू कश्मीर की वर्तमान राजनीतिक स्थिति का आकलन करने और सरकार के गठन के बारे में पार्टी के विधायकों की राय जानने का दायित्व सौंपा है। उन्होंने बताया कि इस बारे में महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को होगी. जिसमें राज्य बीजेपी के सभी विधायक और शीर्ष नेतृत्व हिस्सा लेंगे ।

गौरतलब है कि राज्यपाल एनएन वोहरा ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा को पत्र लिखकर उनसे शुक्रवार को मिलने को कहा है (ताकि सरकार के गठन के बारे में स्थिति स्पष्ट कर सके)।

राज्य में बीजेपी और पीडीपी ने पिछले साल मार्च से इस साल जनवरी तक 10 महीने की गठबंधन सरकार चलाई थी। हालांकि बीते सात जनवरी को मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से सरकार के गठन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है और वहां राज्यपाल शासन लागू है।

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