टॉप न्यूज़राष्ट्रीयव्यापार

पीपीएफ में पैसा लगाने वालों को मोदी सरकार ने दिया झटका

rupee_landscape_1458311191एजेन्सी/प्रॉविडेंट फंड की निकासी पर टैक्स लगा कर खजाना भरने की कोशिश में नाकाम रही मोदी सरकार ने अब छोटी बचत योजनाओं में पैसा लगाने वालों पर गाज गिराई है। सरकार ने शुक्रवार से ही आम लोगों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय पीपीएफ, किसान विकास पत्र स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) समेत तमाम छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटा दी हैं। सीनियर सिटीजन स्कीम की ब्याज दरों में भी कटौती की गई है। मोदी सरकार के इस फैसले का छोटी बचत योजनाओं में पैसा लगाने वाले करोड़ों लोगों पर सीधा असर पड़ेगा।

 सरकार ने ब्याज दरों को बाजार दरों के बराबर करने के लिए पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) और किसान विकास पत्र समेत डाकघरों की तमाम बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटा दी हैं। 16 फरवरी को सरकार की ओर से हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा करने के ऐलान के तहत 1 अप्रैल से 30 जून तक के लिए पीपीफ की दर मौजूदा 8.7 फीसदी से घटा कर 8.1 फीसदी कर दी गई है। किसान विकास पत्र और डाक  घर की सावधि जमा योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों पर भी खासी कैंची चलाई गई है। सबसे ज्यादा 0.9 फीसदी की कटौती किसान विकास पत्र की ब्याज में की गई है।

पहले इस जमा योजना पर 8.7 फीसदी ब्याज मिलता था लेकिन अब इस पर 7.8 फीसदी ब्याज ही मिलेगा। हाल में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई सुक न्या समृद्धि योजना पर भी खासी मार पड़ी है। इस योजना की ब्याज दर 9.2 से घटा कर 8.6 फीसदी कर दी गई है। सीनियर सिटीजन के लिए पांच साल की बचत स्कीम की ब्याज दर 9.3 फीसदी से घटा कर 8.6 कर दी गई है।

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक डाक घर की नियमित सेविंग स्कीम पर मिलने वाली 4 फीसदी की ब्याज दर बरकरार रखी गई है लेकिन एक साल से पांच साल की सावधि जमा योजनाओं की ब्याज दरें घटा दी गई हैं। पांच साल के लोकप्रिय नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (राष्ट्रीय बचत पत्र – एनएससी) पर 1 अप्रैल से 8.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। इससे पहले इस पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलता था। पांच साल की मासिक आय योजना में मिलने वाली ब्याज दर 8.4 फीसदी से घटा कर 7.8 फीसदी कर दी गई है।

डाक घर की एक, दो और तीन साल की ब्याज दरों पर भी कटौती की मार पड़ी है। अब एक, दो और तीन साल की सावधि योजनाओं पर क्रमश: 7.1. 7.2 और 7.4 फीसदी ब्याज मिलेगा। पांच साल की सावधि योजना पर 8.5 फीसदी की जगह 7.9 फीसदी ब्याज मिलेगा। वहीं पांच साल की आवर्ती योजना (रेकरिंग डिपोजिट) पर ब्याज दर 8.4 से घट कर 7.4 फीसदी हो गई है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि अब से ब्याज दर हर तिमाही पर घोषित होगी। मौजूदा दरें वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही यानी 1 अप्रैल से 30 जून तक के लिए  है।

गौरतलब है कि सरकार ने 16 फरवरी को कहा था कि वह छोटी बचत योजना की ब्याज दरों को बाजार दरों के बराबर करना चाहती है। उस दिन डाकघर की छोटी अवधि की बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर चौथाई फीसदी घटा दी गई है। जबकि मासिक आय योजना, पीपीएफ, सीनियर सिटीजन स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना को छोड़ दिया गया है। लेकिन नई योजना में अब इन पर भी गाज गिरी है।

मौजूदा दरें वित्त वर्ष 2016-27 के पहले दिन यानी 1 अप्रैल से लागू होंगी। नई दरों के मुताबिक अगर किसी ने पीपीएफ  में एक तिमाही के लिए 1 लाख रुपये जमा किया है तो उसका सालना ब्याज 8100 रुपये होगा। पुरानी दरों से उसे 8700 रुपये मिलता। यानी उसे सीधे-सीधे 600 रुपये का घाटा होगा। 
इसी तरह किसान विकास पत्र में जमा किए गए 1 लाख रुपये का ब्याज 8700 रुपये से घट कर 7800 रुपये रह जाएगा। सुक न्या समृद्धि योजना में जमा किया जाने वाला 1 लाख रुपये का ब्याज 9200 रुपये से घट कर 8600 रुपये रह जाएगा। बुजुर्गों ने अगर डाकघर स्कीम में 1 लाख रुपये लगाया हो तो उन्हें 9300 रुपये के ब्याज की जगह 8600 रुपये मिलेंगे।

Related Articles

Back to top button