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पेट्रोल, डीजल के भाव दूसरे दिन भी स्थिर, क्रूड के भाव में लगातार गिरावट

क्रूड के भाव 2 दिन से लगातार घट रहे हैं इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल के भाव में कटौती नहीं हुई है। 2 दिन से पेट्रोल और डीजल के भाव स्थिर हैं। जानिए पेट्रोल, डीजल का आज का रेट।

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कोई परिवर्तन नहीं हुआ। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में आई नरमी के बाद तेल भारतीय विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रखीं। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण के लिए 16 जून 2017 को गतिशील कीमत निर्धारण व्यवस्था (डायनामिक प्राइसिंग मेकनिज्म) लागू होने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में होने वाले परिवर्तन के अनुसार रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव होता है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां इससे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मेकनिज्म के तहत हर पखवाड़े पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करती थीं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 70.63 रुपए, 72.71 रुपए, 76.25 रुपए और 73.29 रुपए प्रति लीटर दर्ज की गई। तेल विपणन कंपनियों ने चारों महानगरों डीजल के दाम भी क्रमश: 64.54 रुपए, 66.30 रुपए, 67.55 रुपए और 68.14 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रखे। ब्रेंट क्रूड का फरवरी डिलीवरी वायदा सौदा गुरुवार को आईसीई पर पिछले सत्र के मुकाबले 1.40 फीसदी की कमजोरी के साथ 56.44 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।

वहीं, नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का फरवरी डिलीवरी अनुबंध 1.79 फीसदी की गिरावट के साथ 47.31 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था। इस सप्ताह बेंट क्रूड के भाव में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इसलिए आगे फिर पेट्रोल और डीजल के दाम घटने की पूरी संभावना है, जिससे वाहन चालकों को तेल के दाम में राहत मिलेगी। साथ ही, आम उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिलेगी, क्योंकि तेल का दाम घटने से माल ढुलाई पर होने वाले खर्च में कमी आती है।गौरतलब है कि अक्टूबर में पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर चले जाने पर केंद्र सरकार ने लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। सरकार ने तेल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी, जबकि एक रुपए प्रति लीटर की कटौती का बोझ तेल कंपनियों को उठाने को कहा था।

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