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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेतु भारतम का किया उद्घाटन और पूरा किया अटल जी का सपना

तिनसुकिया: असम के तिनसुकिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा में कहा कि अनेक वर्षों से आप जिस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे वह हो गया। ढोला सादिया पुल का लोकार्पण हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि लोग मोबाईल फोन निकालकर उसका फ्लेश चालू करे। इससे दूर तक यह लगना चाहिए कि सभी यहां उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि जहां भगवान श्रीकृष्ण पधारे वहां मैं आया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेतु भारतम का किया उद्घाटन और पूरा किया अटल जी का सपना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पुल के लिए 5 वर्ष का इंतज़ार करना पड़ गया। आखिरकार यह पुल बनकर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर विकास निर्भर होता है। उन्होंने कहा कि 3 वर्ष में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की सरकार का काम किया गया। उनका कहना था कि सरकार बदलने के कारण कई तरह की बाधाऐं आई हैं। जब इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होता है तो आर्थिक गतिविधियां विकसित हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि देश का सबसे लंबा पुल हमारे लिए गर्व का विषय है।

यह पुल असम और अरूणाचल को जोड़ने में लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो राज्यों के विकास में यह पुल महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इस पुल के निर्माण से नाॅर्थ ईस्ट का विकास होगा वह हिंदुस्तान से जुड़ेगा। पुल से नई अर्थक्रांति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ट्रांसपोर्ट को तेजी से आगे बढ़ाने का काम इस पुल के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम से जलपरिवहन का प्रारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि इस भाग को विश्वस्तरीय इकोनाॅमी के अनुसार तैयार करें तो पूरा नाॅर्थ ईस्ट इससे लाभान्वित होता है।

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उन्होंने रेलवे के महत्व की बात करते हुए कहा कि हमने नाॅर्थ इस्ट में रेलवे को प्राथमिकता दी है। यातायात की व्यवस्था को लेकर भी हमने व्यवस्था की है। यहां की प्रकृति बहुत अच्छी है। यदि प्रतिवर्ष देश के लाखों लोग यहां पर आना प्रारंभ कर दें तो यहां की अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता है। उन्होंने यहां पर उपजने वाली दलहन की फसल को लेकर सराहना की। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय गायक भूपेन हजारिका यहीं से हुए थे इसलिए इस पुल का नाम भूपेन हजारिका के नाम पर रखा जाएगा। जिस ब्रह्मपुत्र का गुणगान वे जीवनभर करते रहे। उस महापुरूष के नाम पर इस सेतु का नाम रखा जाएगा।

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