कोलकाता (एजेंसी)। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.के. गांगुली ने सोमवार को प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय की जांच समिति की रिपोर्ट पर कई सवाल खड़े किए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गांगुली को ‘अशोभनीय आचरण’ का दोषी ठहराया है। गांगुली पर एक कानून की प्रशिक्षु ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। गांगुली ने अपने पत्र में कहा है ‘‘एक प्रशिक्षु द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर मीडिया में जो कुछ चल रहा है उस पर काफी विचार करने के बाद मैं अपनी चुप्पी तोड़ने पर मजबूर हुआ हूं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी अपनी किसी महिला प्रशिक्षु के साथ कोई अशोभनीय आचरण नहीं किया है।’’ गांगुली ने पत्र की प्रति राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी भेजी है। गांगुली ने सर्वोच्च न्यायालय की समिति की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं जिसकी वजह से उन्हें बंदी की तरह पेश किया जा रहा है। अपने इस पत्र में उन्होंने और भी कई मुद्दे उठाए हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति ने गांगुली को पिछले दिसंबर में एक होटल के कमरे में कानून की एक प्रशिक्षु के साथ अशोभनीय आचरण करने का दोषी ठहराया है। प्रशिक्षु वकील ने सबसे पहले छह नवंबर को जर्नल ऑफ लॉ एंड सोसायटी के एक ब्लॉग पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसके बाद उसने ‘लीगली इंडिया’ वेबसाइट के साथ एक साक्षात्कार में आरोप को दोहराया।