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नयी दिल्ली : पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात चित्रकार और प्रख्यात लेखक रामकुमार का आज सुबह उनके आवास पर निधन हो गया, वह 94 वर्ष के थे, उनके परिवार में एक पुत्र है जो ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। उनका अंतिम संस्कार यहां निगमबोध घाट पर ढाई बजे दिन में किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की राजधनी शिमला में 1924 में जन्मे रामकुमार हिंदी के मशहूर लेखक निर्मल वर्मा के बड़े भाई थे।
प्रसिद्ध कला समीक्षक एवं रामकुमार के मित्र प्रयाग शुक्ल ने यूनीवार्ता को बताया कि राम कुमार पिछले 20 दिन से राजधानी के पटपड़गंज इलाके में स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। वह विश्व विख्यात चित्रकार एमएफ हुसैन, तैयब मेहता और सैयद हैदर रजा के आत्मीय मित्र थे। उनके निधन से आधुनिक भारतीय चित्रकला का एक प्रमुख स्तंभ ढह गया। प्रसिद्ध संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी, कला समीक्षक विनोद भारद्वाज, प्रसिद्ध लेखक गिरिधर राठी समेत कई लेखकों, चित्रकारों ने श्री रामकुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सेंट स्टीफन कालेज से पढ़े श्री रामकुमार ललित कला अकेडमी के फेलो भी थे। उनकी पेंटिंग हुसैन तैयब मेहता की तरह करोड़ो रुपये में बिकती थी। वह साठ के दशक के चर्चित कहानीकार भी थे। उनकी चित्रों की प्रदर्शनी दुनिया के कई देशों में लगी थी। वह अपने अमूर्त चित्रों के लिए जाने जाते थे।