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‘बंद जगहों में काम करने की संस्कृति देश के लिए अच्छी नहीं, अफसरों की पहुंच जनता तक हो’, बोले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने शुक्रवार को कहा कि नौकरशाहों के लिए बंद स्थानों (Silos) में काम करने की संस्कृति देश के लिए ठीक नहीं है और जरूरतमंद और उनकी गरीबों तक उनकी पहुंच होनी चाहिए. कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रशासनिक दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है और तेजी से सामाजिक-आर्थिक प्रगति, शहरीकरण और नए तकनीकी हस्तक्षेपों के कारण नौकरशाहों के लिए नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां उभर रही हैं.

सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNA), मसूरी में आईएएस पेशेवर पाठ्यक्रम चरण दो (2019 बैच) के समापन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों को आत्मसात करने, इनके हिसाब से खुद को ढालने के लिए नौकरशाहों को काम करने की जरूरत है, क्योंकि अपेक्षा और पारदर्शिता के स्तर कई गुना बढ़ गए हैं.

गरीबों के लिए सुलभ हों नौकरशाह

कार्मिक मंत्रालय के बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, ‘‘बंद स्थानों (कमरों में बैठकर काम करना) और वरिष्ठता क्रम की मौजूदगी देश के लिए ठीक नहीं है और नौकरशाहों को सबसे पहले जरूरतमंद और गरीबों के लिए सुलभ होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि तेजी से सामाजिक-आर्थिक प्रगति, शहरीकरण और नए तकनीकी हस्तक्षेप के कारण सिविल सेवकों के लिए नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां उभर रही हैं.

हमें राष्ट्र के लिए एक साथ काम करना होगा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम कोई भी हों, हम कहीं भी हों, हमें राष्ट्र के लिए एक साथ काम करना होगा … हमें एक नौकरशाही की आवश्यकता है, जो रचनात्मक, कल्पनाशील और अभिनव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, कुशल, प्रभावी, पारदर्शी और तकनीक में सक्षम हो.

कई अफसरों ने की कड़ी मेहनत

उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए रोल मॉडल के रूप में अधिकारियों को पंचायत स्तर से केंद्रीय स्तर तक भावुक और स्वतंत्र तरीके से काम करने का प्रयास करना चाहिए. कोविड -19 महामारी पर सिंह ने कहा, पूरी दुनिया महामारी द्वारा बनाई गई अभूतपूर्व भयावह स्थिति से गुजर रही है और वर्तमान संकट के दौरान, कई सिविल सेवकों ने बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट तरीके से मजबूत कोशिश की है.

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