जीवनशैली

बच्चे को है गेम का अडिक्शन तो न हों परेशान

क्या आपको अपने बढ़ते बच्चे के गेमिंग अडिक्शन को लेकर उसकी सोशल लाइफ खराब होने की चिंता है? परेशान मत होइए क्योंकि एक शोध में सामने आया है कि टीनेज गेमर्स के गेम न खेलने वालों से ज्यादा फ्रेंड्स होते हैं। नतीजों से पता चला है कि जिन बच्चों में गेम को लेकर कॉमन इंट्रेस्ट होता है उनकी स्कूल में जल्दी दोस्ती हो जाती है। बच्चे को है गेम का अडिक्शन तो न हों परेशान

 किशोर अपने डिजिटल गेमिंग टाइम को भी इस तरह से मैनेज करते हैं कि वह अपनी उम्र के बाकी बच्चों की तरह दोस्तों, स्पोर्ट्स और स्कूल को भी महत्व दे सकें। रीसर्च में 115 स्वीडिश बच्चों के सोशल नेटवर्क के बनने फिर उसे बदलने की प्रक्रिया को देखा गया। नतीजे में सामने आया कि गेम खेलने वाले किशोर बच्चों के दोस्त गेम न खेलने वाले बच्चों की तुलना में कम नहीं थे।
स्वीडेन यूनिवर्सिटी की पोस्ट-डॉक्टरल स्टूडेंट कहती हैं, ‘नतीजे चौंकाने वाले और उम्मीद के मुताबिक थे। हमने सोचा था कि गेमर्स दोस्त बनाने वाले निकलेंगे।’ 

इससे पहले भी स्टडीज में साबित हो चुका है कि डिजिटल गेमिंग ऐक्टिविटीज से रिलैक्स होने में और बॉडी का स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है। 

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