दिल्लीराज्य

बरखा को कांग्रेस ने निकाला, वोट बटोरने के लिए महिलाओं के इस्तेमाल का लगाया था आरोप

नई दिल्ली.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पर कई गंभीर आरोप लगाने वाली बरखा सिंह को 6 साल के लिए पार्टी ने निकाल दिया है। बता दें गुरूवार को बरखा सिंह ने दिल्ली महिला कांग्रेस के प्रसिडेंट पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस ने महिलाओं का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए किया।” राहुल और माकन पर लगाए थे गंभीर आरोप…
– गुरूवार को बरखा ने कहा था कहा, ”मैं पार्टी की सच्ची सैनिक हूं। छोड़कर नहीं जाऊंगी, पार्टी में रहकर लड़ाई लड़ूंगी। अजय माकन ने मेरे साथ बदसलूकी की। शिकायत पर राहुल गांधी ने कोई एक्शन नहीं लिया। आखिर वाइस प्रेसिडेंट पार्टी मेंबर्स से मीटिंग करने में क्यों डरते हैं? राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस ने महिलाओं का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए किया।”
-बरखा ने आरोप लगाया था कि- ”एमसीडी इलेक्शन के टिकट बंटवारे में महिला वर्कर्स को हाशिए पर रखा गया। कार्यकर्ताओं की आवाज दबाई गई और शिकायतों का मौका नहीं दिया।”
– ”दिल्ली कांग्रेस के प्रेसिडेंट (माकन) ने अपने घर पर मेरी और कई महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की। हमनें इसकी शिकायत राहुल गांधी से की, लेकिन वाइस प्रेसिडेंट ने कोई एक्शन नहीं लिया।”
– ”यह पार्टी का दोहरा कैरेक्टर है। जब बीजेपी नेता प्रियंका गांधी के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो कांग्रेस आला कमान चाहते हैं कि महिला कांग्रेस विरोध करे। लेकिन, जब माकन की शिकायत करते हैं तो हमें धमकाया जाता है।”
 
नेताओं से मिलने में क्यों डरते हैं राहुल?
– बरखा ने दावा किया था, ”राहुल पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं करते। उन्होंने कभी पार्टी के इंटरनल इश्यूज पर बात करने की इच्छा नहीं जताई। आखिर वो अपने ही मेंबर्स से मीटिंग करने में क्यों डरते हैं? इसी वजह से कई सीनियर लीडर छोड़कर चले गए।”
– ”राहुल और माकन के इसी रवैए के चलते 5 डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट और 75 ब्लॉक प्रेसिडेंट्स संगठन से इस्तीफा दे चुके हैं।”
 
बीजेपी में गए लवली ने भी कहा था- टॉप लीडरशिप के पास वक्त नहीं
– पार्टी छोड़कर बीजेपी में गए पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह लवली ने भी कहा है कि कांग्रेस में सीनियर लीडर्स को दरकिनार कर दिया गया। टॉप लीडरशिप को मेंबर्स के साथ मीटिंग का वक्त नहीं है। कांग्रेस गरीबों और महिलाओं के लिए काम करने वाली पार्टी नहीं रही।

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