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बर्फ में 80 किमी चलकर करना होगा मतदान

panchayat-shimla-566bb38c4e60e_exlstहिमाचल राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मतदान के लिए तिथियां और पोलिंग बूथ को चिह्नित कर उनकी घोषणा तो कर दी लेकिन शेष विश्व से कट चुके बड़ा भंगाल गांव के लोगों को उनके सबसे बड़े अधिकार मताधिकार से अपरोक्ष से वंचित कर दिया है। कांगड़ा जिला में 10 और 12 जनवरी को मतदान होगा। इसके लिए पोलिंग बूथ चिह्नित कर लिए गए हैं।

धर्मशाला से करीब 160 किलोमीटर दूर और 2508 मीटर ऊंचाई पर ग्लेशियर के पास बसा दुर्गम गांव बड़ा भंगाल दिसबंर के पहले हफ्ते में बर्फबारी के चलते शेष दुनिया से कट चुका है। प्रशासन ने अगले छह माह के लिए यहां के लिए राशन भेज दिया है।

इस गांव में वर्तमान में करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग रह रहे हैं। राज्य चुनाव आयोग ने इस गांव के लोगों के लिए 80 किलोमीटर दूर बीड़ में पोरलिंग बूथ बनाया है। यानी, बड़ा भंगाल गांव के लोगों को बर्फबारी के बीच जान खतरे में डालकर 80 किलोमीटर दूर तीन दिन का पैदल रास्ता तय कर बीड़ पहुंचना होगा।

जनवरी में धौलाधार रेज और ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी होती है। जनवरी माह के दौरान बड़ा भंगाल गांव कई फुट बर्फ से ढका होता है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि कोई भी अपनी जान को खतरे में डालकर बर्फ के बीच तीन दिन का पैदल रास्ता तय कर 80 किलोमीटर दूर पोलिंग बूथ बीड़ में वोट डालना पहुंचेगा।

ऐसे में तो बड़ा भंगाल गांव के दो दर्जन से ज्यादा लोग वोट डालने के हक से महरूम रह जाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चुनाव आयोग को दो दर्जन वोटों से कोई लेना देना नहीं। क्योंकि, भारी बर्फबारी के दौरान बड़ा भंगाल के लोगों का बीड़ पोलिंग बूथ तक पहुंचना नामुकिन लगता है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा भंगाल में ही पोलिंग बूथ लगाया गया था। यहां पर गांव के लोगों ने वोट डाले थे।

चुनाव कराने हेलीकाप्टर से टीम बड़ा भंगाल गई थी। लेकिन, क्या चुनाव आयोग को अब पंचायत चुनाव के लिए बड़ा भंगाल में पोलिंग बूथ स्थापित करने की जरूरत नहीं लगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त रितेश चौहान ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से पोलिंग बूथों के स्थल चिह्नित किए गए हैं। बड़ा भंगाल के लोगों के लिए बीड़ में पोलिंग बूथ बनाया गया है। यहीं पर गांव के लोगों को वोट डालना होगा।

 

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