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बाढ़-बस्तर में इंद्रदेवता का प्रकोप, सुकमा जिले में मची तबाही, बीजापुर बना टापू, इंद्रावती डेंजर लेवल पर

  • संभाग में अब तक 175 मकान ढहे, उफनती नदियों में 11 लोग बहे, 5 के मिले शव, 6 अभी भी लापता

  • जगदलपुर में मकान ढहने दो की मौत, 5 घायल

  • समलेश्वरी एवं राऊरकेरा एक्सप्रेस दूसरे दिन भी रद्द

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पिछले 3 दिनों से बस्तर में निंरतर हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नालों में उफान एवं बाढ़ के चलते संभाग मुख्यालय का अनेक स्थानों से सड़क संपर्क विच्छेद हो गया है। सुकमा जिले का दूसरे दिन भी उड़ीसा एवं तेलंगाना से संपर्क टूटा हुआ है। इधर बीजापुर जिला मुख्यालय भी टापू में परिवर्तित हो चुका है। बाढ़ एवं बारिश से अब तक समूचे संभाग में 175 मकान ढहने की खबर है और 11 लोग तेज बहाव में बह गए हैं, जिनमें से 5 के शव बरामद हुए हैं, शेष लापता लोगों की गोताखोरों की मदद से तलाश जारी है। जगदलपुर में मकान ढहने से दो की मौत हो गयी वहीं 5 लोग घायल हैं। गांव व कस्बे तालाब में तब्दील हो गए हैं। सड़क, गलियां, चौराहे पानी से लबालब हो गये हैं। घरों में करंट फैल गया है। दर्जनों मकान धराशायी हो गए हैं, खेत एवं गांव जलमग्र हो गए हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। सर्वत्र पानी का उमड़ता सैलाब दिखायी पड़ रहा है। समूचा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, मुसीबतें बढ़ गयी हैं साथ ही जीना दुश्वार हो गया है। मूसलाधार बारिश की वजह से ग्रामीणों क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है तथा सैकड़ों गांव अंधेरे में बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं।
इंद्रावती नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर वार्निंग लेवल पार कर गया है, कलेक्टर अय्याज तांबोली ने बताया कि उड़ीसा में खातीगुड़ा डेम का जलस्तर बढऩे से दोपहर बाद बांध के 3 गेट खोल दिए जाएंगे। इसीलिए नदी किनारे के लोगों को सतर्कता बरतते हुए मकान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं। इंद्रावती नदी के खतरे के निशान के ऊपर बहने से निचली बस्तियों को खाली करा कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है। बाढ़ पीडि़तों के लिए शहर के अनेक स्कूलों में राहत केन्द्र खोले गए हैं, शिविरार्थियों को प्रशासन द्वारा भोजन एवं उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। इंद्रावती नदी का तटीय इलाका डोंगाघाट, छेपरागुड़ा, धोबीगुड़ा एवं भेजापदर पूरी तरह टापू बन गए हैं। बीजापुर जिला मुख्यालय से आंध्रप्रदेश मार्ग पर तारलागुड़ा में पुल पर बाढ़ का पानी दूसरे दिन भी पुल से ऊपर बह रहा है, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। इधर बीजापुर से बासागुड़ा,मार्ग पर तालपेरू नदी का पानी पुल पर से 4 फीट ऊपर बह रहा है, जिससे इस मार्ग पर भी कल से यातायात ठप है। बाढ़ की वजह से चेरपाल, गंगालूर, कुटरू, बासागुड़ा इलाके में आवागमन ठप हो गया है।
सबसे ज्यादा सुकमा जिले में तबाही मची हुयी है। बाढ़ की विभीषिका से सुकमा जिले का तेलंगाना एवं उड़ीसा समेत संभाग के अनेक गांवों से सड़क संपर्क सुगम नहीं हो पाया है। सुकमा से उड़ीसा मार्ग पर शबरी नदी का पानी पुल के 6 फीट ऊपर बह रहा है। बाढ़ की वजह से दुब्बाकोटा के निकट नेशनल हाईवे मार्ग डूब गया है, जिससे तेलंगाना जाने वाली वाहनों को रोक दिया गया है। सुकमा जिले में दंतेवाड़ा मार्ग पर स्थित गादीरास में मलगेर नदी का पानी अपनी सीमाएं लांघते हुए विगत 36 घंटो से पुल के ऊपर बह रहा है, जिससे गादीरास का 10 पंचायतों से सड़क संपर्क भंग हो गया है। कोंटा में गोदावरी नदी के बैक वाटर के चलते आधी बस्ती डूब गयी है। नदी किनारे बसे 150 लोगों को राहत शिविरों में आश्रय दी गयी है। शहर के निचले हिस्सों संजय बाजार चौक, धरमपुरा मार्ग पर कई स्थानों के अलावा अम्बेडकर वार्ड, भैरमदेव वार्ड, विजय वार्ड, शिवमंदिर वार्ड में बुरी तरह से पानी भर हुआ है। निर्मल स्कूल, दीप्ति कान्वेंट, हम एकेडमी समेत दर्जन भर स्कूलों में तेज बारिश के कारण आज सरकारी तौर पर बच्चों को छुट्टी दे दी गयी। शहर एवं आसपास के गांवों में दर्जन भर से ज्यादा कच्चे मकान ढह गए हैं। इस दौरान नयामुंडा तिरंगा चौक के पास घर की दीवार गिर गई थी, जिसमें 4 लोग बुरी तरह दबे हुए थे। तत्काल चारों को निकाला गया, घायलों में इम्मानुएल पोल (16) , निर्मला पोल (35), कुमारी निशि पोल (14), बाबू लाल पोल (38) सभी नयामुण्डा तिरंगा चौक के रहने वाले हैं, चारों को तत्काल 112 वाहन में बैठा कर डिमरापाल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, जिसमें पास्टर बाबूलाल पोल की मौत हो गयी। बाकी तीनों खतरे से बाहर बताये गए हैं। वहीं परपा थाना क्षेत्र के सिरहापारा निवासी लेखन नाग का मकान ढहने से उसका बेटा महेश नाग 4 वर्ष की दबने से मौत हो गई, जबकि मां-पिता भी घायल हो गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। दंतेवाड़ा जिले की प्रमुख नदियां, संकनी-डंकनी एवं उनकी सहायक नदियों का जल स्तर भी वार्निग लेवल फलांगने को मचल रहा है। जगदलपुर – रायगढ़ा (ओडिसा के.आर) रेलमार्ग के आमादुला स्टेशन एवं वेदांता के बीच पटरी के नीचे मिट्टी धंसकने से पिछले दो दिनों से वेस्ट बंगाल, ओडि़सा, झारखंड बस्तर से रेल संपर्क टूट गया है, जिससे जगदलपुर से कोलकाता मार्ग पर चलने वाली समलेश्वरी एवं राउरकेला एक्सप्रेस दूसरे दिन भी रद्द कर दी गयी।

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