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बारिश से कई राज्यों में फसलें तबाह, लोकसभा में राहुल गांधी ने उठाया मुद्दा

phpThumb_generated_thumbnail-81-1-300x214एजेंसी/नई दिल्ली : उत्तर भारत में तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओले गिरने से कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इस मुद्दे को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाया है और कार्यवाही स्थगन प्रस्ताव पेश किया. राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.

आपको बता दें कि फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान भारी-भरकम ओलों से पहुंचा है. पंजाब में बरनाला और अमृतसर में खड़ी फसलों के धराशाई होने की वजह से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. कल तक गेंहूं की जो फसलें हवा में लहलहा रही थीं वो अब जमीन पर बिछी पड़ी हैं. पंजाब के बरनाला में जहां तक आप नजरें दौड़ाएंगे वहां तक फसलों की बर्बादी का मंजर देखने को मिलेगा.

अपनी आंखों के सामने फसलों को उजड़ता देख किसानों के चेहरे की रंगत उड़ गई है. इन फसलों पर कहर बनकर टूटी है बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि. ओलों के साथ आंधी ने जमकर तबाही मचाई है. किसानों का कहना है कि उनकी करीब 20 फीसदी फसलें तबाह हो गई हैं. यही हाल पंजाब के बाकी जिलों का है. तेज हवाओं के साथ बारिश की वजह से तैयार फसल बिछौने की तरह बिछ गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब में ओलों और बारिश से करीब 20 से 25 फीसदी फसलों को नुकसान पहुंचा है. बठिंडा से लेकर गुरदासपुर तक, अमृतसर से लेकर रोपड़ तक हर जगह फसल का भारी नुकसान हुआ हैं. पंजाब में करीब में 35 लाख हेक्टयर जमीन पर गेहूं की फसल की बुआई हुई है. फसल को अब गर्मी की जरूरत थी और पकने के बाद मार्च के आखिर और अप्रैल के शुरुआत में ही कटाई शुरू हो जानी थी, लेकिन तैयार हो चुकी गेहूं की फसल बिछने से किसान मायूस हैं.

मौसमी आफत का ही नतीजा है कि रबी की फसल का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा बरबाद होने से किसान बेहाल है. यही हाल सरसों और दूसरे फसलों का भी है. एक अंदाजे के मुताबिक पंजाब की गेहूं पट्टी और कपास पट्टी दोनों में ही बारिश की वजह से करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हुई है.

किसानों ने अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा फसलों की बुआई में लगा दिया था. अब इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे का ही आसरा है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले एक दो दिन किसानों पर और भारी पड़ने वाले हैं. वजह है भारी बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है.

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