उत्तर प्रदेशफीचर्डराष्ट्रीय

बिना कारण दर्ज किए सर्कि‍ल रेट बढ़ाना गैरकानूनी

lko high courtलखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिना समुचित कारण दिए हर साल सर्किल रेट बढ़ा दिए जाने को गैरकानूनी करार दिया है। कोर्ट ने सूबे के सभी डीएम को निर्देश दिया है कि वे आइंदा से बिना कारण उल्‍लेखि‍त किए सर्किल रेट में न तो इजाफा करेंगे और न ही उसे घटाएंगे। कोर्ट ने बिना कारण दिए छह अगस्त 2003 को लखनऊ के डीएम द्वारा सर्किल रेट बढ़ा दिए जाने को गलत पाते हुए उसे रद्द कर दिया है। दूसरी ओर, कोर्ट ने चीफ सेक्रेटी को सभी डीएम को आगे से सर्किल रेट में परिवर्तन करने से पहले कारण इंगित करना सुनिश्चित करने के बाबत जरूरी सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस देवी प्रसाद सिंह और जस्टिस राजीव शर्मा की बेंच ने प्रवीण कुमार जैन की ओर से 2010 में दायर रिट याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाते हुए पारित किया। कोर्ट ने कहा कि यूपी स्टाम्प वैल्यूएशन ऑफ प्रॉपर्टी रूल्स 1997 के नियम चार और पांच के तहत बिना कारण बताए सर्किल रेट नहीं बदला जा सकता।
नियमों के तहत सर्किल रेट में परिवर्तित करते समय डीएम को भूमि का प्रकार, सिंचाई की उपलब्धता, सड़क, बाजार, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, शैक्षिक संस्थान, अस्पताल और सरकारी दफ्तरों से संबद्धता आदि कारकों को नजर में रखना और उनका उल्लेख करना अनिवार्य है। याची ने 17 मार्च 2004 को अपने हिस्से की जमीन मेसर्स तनीसा बिल्डर्स को करीब बीस लाख रुपए में बैनामा किया था। तनीसा बिल्डर्स ने उस जमीन का लैंड यूज 19 फरवरी 2007 को परिवर्तित कराया और फिर मेसर्स ओमेक्स लिमिटेड को 328 रुपए प्रति स्क्वॉयर मीटर की दर से बेच दिया।

Related Articles

Back to top button