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बिहार की नैया मांझी के हवाले

20 jitan_F1पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे से बिहार में उपजे राजनीतिक संकट का हल सोमवार को निकल आया। काफी मान-मनौव्वल के बावजूद नीतीश ने इस्तीफा वापस नहीं लिया बल्कि नए मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कैबिनेट के एक मंत्री जीतन राम मांझी के नाम का ऐलान कर दिया। मितभाषी और स्वच्छ छवि वाले जनता दल (युनाइटेड) नेता मांझी मंगलवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सीटें नहीं मिलने पर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपनी सरकार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रहे मांझी का नाम प्रस्तावित किया।जद(यू) विधायक दल की बैठक के बाद सोमवार शाम नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ मांझी राजभवन पहुंचे और राज्यपाल डी़ वाई़ पाटील से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राजभवन से लौटने के बाद शरद यादव ने कहा कि मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीतीश ने ऐन वक्त पर इस्तीफा देकर बहुत अच्छा किया। विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा ही नहीं रहा। इससे पहले जद (यू) विधायक दल ने रविवार को नीतीश को ही फिर नेता चुना लेकिन नीतीश नहीं माने सोमवार को दोबारा हुई बैठक में नीतीश को ही अगले मुख्यमंत्री का नाम तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। नीतीश ने कुछ घंटे सोच-विचार के बाद जीतन राम मांझी का नाम प्रस्तावित किया।
नए मुख्यमंत्री के रूप में मांझी के नाम का ऐलान करने के बाद नीतीश ने अपने इस्तीफे पर एक बार फिर सफाई देते हुए कहा ‘‘मैंने नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा दिया है। मैंने अपने अंतर्मन की आवाज सुनी। यह बात समझी जानी चाहिए। मैंने किसी भावावेश में नहीं बल्कि सोच-समझ कर इस्तीफा दिया है।’’नीतीश ने कम बोलने वाले सौम्य स्वभाव वाले और स्वच्छ छवि वाले मांझी पर भरोसा किया है। उन्हें उम्मीद है कि महादलित मुसहर समुदाय से आने वाले मांझी के मुख्यमंत्री बनने से पार्टी को इस समुदाय का भरपूर समर्थन मिलेगा।68 वर्षीय मांझी बिहार में वर्ष 2००8 से ही मंत्री रहे हैं। वह गया जिले के महकारा गांव के निवासी हैं और जहानाबाद जिले के मखदूमपुर क्षेत्र के विधायक हैं। उन्होंने बचपन में बाल मजदूरी की फिर एक दफ्तर में क्लर्की करने के बाद राजनीति में आए और मंत्री बने। वह गया से लोकसभा चुनाव भी लड़े थे मगर तीसरे स्थान पर रहे।

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