उत्तर प्रदेशलखनऊ

बिहार LIVE: विशाल बहुमत की ओर नीतीश, मोदी की करारी हार

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-लखनऊ:

bjp-563dc451e909b_exlstबिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों का इंतजार खत्म हुआ, वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। इसी के साथ आने लगे हैं परिणामों के रुझान। हैरतअंगेज रूप से शुरुआती रुझान में बढ़त बनाने वाला भाजपा गठबंधन लालू नीतीश के महागठबंधन से पिछड़ता दिख रहा है। रुझानों पर गौर करें तो नीतीश कुमार के दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।

ईटीवी की खबर के अनुसार महागठबंधन बहुमत के आंकड़े के पार 159 और भाजपा गठबंधन मात्र 74 सीटों पर ही आगे दिख रहा है। वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया भी महागठबंधन को बढ़त बनाते दिखा रहा है।

पहले डेढ़ घंटे में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव राघोपुर से और महुआ से तेज प्रताप शुरूआती झटके खाने के बाद एक बार फिर आगे हो गए हैं। वहीं, लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान के भाई पशुपति नाथ पारस और भतीजे प्रिंस भी दोनों आगे हैं। भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित सारस्वत भी अभी विरो‌धियों पर बढ़त बनाए हुए हैं।

 
वहीं अभी तक सीट के मामले में आगे चल रही भाजपा अब इस मामले में भी जेडीयू-राजद से पिछड़ती दिख रही है। राजद को 74, जेडीयू को 69 और भाजपा को 63 सीटें मिलती दिख रही हैं। आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस भी 15 सीटों के साथ आगे चल रही है। जबकि लोजपा 5, हम 3 और रोलसपा मात्र 4 सीटों पर ही आगे है।

दूसरी ओर गया से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार कहे जा रहे प्रेम कुमार लगातार सातवीं बार अपनी सीट बचाते दिख रहे हैं। पटना साहिब से भाजपा उम्‍मीदवार नंद किशोर आगे हैं, अपनी पारंपरिक सीट मखदूमपुर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आगे हैं।

हालांकि‌ विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के सामने इमामगंज सीट पर वह पिछड़ते दिख रहे हैं। फुलवारी शरीफ से नीतीश के मंत्री श्याम रजक आगे चल रहे हैं। बेगुसराय और खगड़िया जिलों की सभी सीटों पर महागठबंधन के उम्‍मीदवार काफी आगे चल रहे हैं।

शिवहर से हिंदुस्तान अवाम मोर्चा की उम्‍मीदवार लवली आनंद आगे हैं। झंझारपुर से पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के बेटे और हम उम्‍मीदार नीतीश मिश्र आगे चल रहे हैं। अलौली से लोजपा मुखिया राम विलास पासवान के भाई पशुपति नाथ पारस बढ़त बनाए हुए हैं। तारापुर से हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के शकुनी चौधरी विरोधियों से सबसे आगे हैं।

 

वहीं महागठबंधन के विशाल बहुमत की ओर आता देख पटना में जश्न का दौर शुरू हो गया है। शुरूआत में भाजपा दफ्तर के बाहर खड़े मीडियाकर्मियों के कैमरे जेडीयू और राजद के दफ्तरों की ओर मुड़ गए हैं। पटना में महागठबंधन समर्थकों ने भी तीन दिन पहले ही दिवाली का जश्न शुरू कर दिया है।

परिणामों से साफ दिख रहा है कि बिहार में लोगों ने मोदी के विकास के दावों को एकतरफा कर नीतीश के सुशासन वाले चेहरे पर ही दोबारा विश्वास जताया है। उनके लिए लालू के जंगलराज से ज्यादा नीतीश का सुशासन और विकास का वादा महत्वपूर्ण है।

दूसरी ओर मतगणनना के दौरान एक बात और साफ होती दिखी कि भाजपा का अकेले दम प्रदर्शन तो ठीक ठाक रहा लेकिन उसके सहयोगियों से उसे कोई मदद नहीं मिल सकी। जीतन राम मांझी की हम को छोड़कर पासवान की लोजपा और उपेन्द्र कुशवाहा की आरएलएसपी फिसड्डी ही दिखाई दे रहे हैं।

  

बता दें कि बिहार चुनावों के परिणामों को लेकर देशभर में जबरदस्त हाइप बनी हुई है। चुनाव आयोग के प्रयासों से मतदान तो शांतिपूर्ण संपन्न हो गए ‌थे इसलिए अब सबकी निगाहें परिणामों पर आ टिकी है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अजय नायक ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में कुल 39 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

चुनाव आयोग द्वारा परिणामों की जानकारी की ऐसी हाइटेक व्यवस्‍था की गई है कि पल पल की खबर आपको मिलती रहेगी।

 

इधर, शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के बाद चुनाव आयोग की ओर पारदर्शिता के साथ मतगणना की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है। सहरसा जिले में दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना केंद्रों पर इस बार हाईटेक इंतजाम किए गए हैं।

किसी भी चूक से बचने के लिए सभी मतगणना केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अजय नायक ने कहा कि मतगणना प्रक्रिया को सुपरवाइज करने के लिए ऑब्जर्वर भी तैनात रहेंगे।

मतगणना पर नजर रखने के लिए कुल 243 ऑब्जर्बर तैनात किए गए हैं। मतगणना काम से जुडे़ सभी कर्मियों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मतगणना केंद्रों को सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के हथियारबंद जवानों के हवाले कर दिया गया है। मतगणना केंद्रों की सुरक्षा के लिए 70 कंपनी सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।

 

 

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