उत्तर प्रदेश

ब्लास्ट में 12 साल के नितिन के उड़ गए परखच्चे, पुलिस बता रही है मामूली बम !

Untitled-1615बुलंदशहर उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो दिन पहले हुए एक ब्लास्ट में 12 साल के बच्चे की जान चली गई और दूसरे के हाथ के परखच्चे उड़ गये. तीन और बच्चे भी इस ब्लास्ट में गंभीर घायल हुए. पुलिस अभी इस ब्लास्ट को मामूली बता रही है.

मौके पर मिले बम के कंटेट इस बम के पीछे किसी बड़ी साजिश का इशारा कर रहे है. बम में धमाका करने के लिए विस्फोटक के अलावा ठोस पत्थर और कांच का इस्तेमाल किया गया था. शिकारपुर में हुए बम ब्लास्ट में नितिन की जान गयी और चिंटू का हाथ उड़ गया. तीन और बच्चे भी इस बम का शिकार बने, लेकिन पुलिस की शुरूआती जांच इस बम को गंभीर मानने को तैयार नहीं है. मौके पर मिले सबूत बताते है कि बम में विस्फोटक के अलावा चीनी मिट्टी के पत्थर के टुकड़ो और कांच का इस्तेमाल किया गया.

जाहिर है बम बनाने वाला इससे किसी बड़े मकसद को अंजाम देना चाहता था. लेकिन पुलिया के नीचे रखा गया यह बम बकरी चराने वाले बच्चों के हाथ लग गया. बम में हुए विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि कई मीटर दूर तक बच्चों के मांस के लोथड़े और खून मिले है. नितिन का चेहरा इस ब्लास्ट से उड़ गया और चिंटू ने अपना हाथ खो डाला. मौके पर पहले पहुंचने वाले लोग इस घटना को सहज स्वीकारने को तैयार नही थे.

एसएसपी बुलंदशहर अनंतदेव तिवारी ने बताया की फोरेंसिक टीम इसे देशी बम बता रही है. लेकिन आमतौर पर किसान भी फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को भगाने के लिए इनका इस्तेमाल नही करते. आतिशबाज भी ऐसे बमों को आतिशबाजी के प्रदर्शन में शामिल नही करते. जाहिर है कि इस बम को बनाने के पीछे कोई खास मकसद था. जिले का खुफिया विभाग इसे आतंकी साजिश नही मानता.

तो जाहिर है कि इलाके में कोई इस बड़े बम के जरिये अपनी रंजिश या फिर कोई और बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता था. नुकसान इससे बड़ा भी हो सकता था, लेकिन जहां बम छुपाया गया था वहां दुर्भाग्य से बच्चे पहुंच गये और उसका शिकार बन गये. सवाल ये भी है कि क्या पुलिस इस बम बनाने वाले को तलाशेगी या हमेशा की तरह सांप निकलने के बाद लकीर पीटकर इस फाइल को बंद कर दिया जायेगा

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