गौरतलब है कि,बुधवार को दिल्ली में मंत्री के आवास व कर्नाटक में अन्य ठिकानों पर छापेमारी में आयकर विभाग ने 10 करोड़ रुपये बरामद किए थे।
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आयकर विभाग के अनुसार उन्हें ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार से कर चोरी के मामले में पूछताछ करनी थी। टीम को जब पता चला कि वह इगलटन रिसॉर्ट में हैं, तो वहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जिसके बाद टीम उन्हें लेकर उनके घर पहुंची, जहां उनसे विस्तृत पूछताछ की गई। आईटी विभाग ने स्पष्ट किया था , ‘सर्च टीम ने सिर्फ मंत्री के कमरे की तलाशी ली। वहां ठहरे किसी विधायक का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ।’
उधर, बुधवार को राज्यसभा में इस कार्रवाई पर खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस के सदस्य बार-बार वेल में आकर कार्यवाही बाधित करते रहे। राज्यसभा की कार्यवाही आखिरकार दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी, जबकि कांग्रेस ने लोकसभा से बहिष्कार किया।
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गौरतलब है कि, बुधवार को उच्च सदन में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव को पटरी से उतारने के लिए छापे की कार्रवाई की गई है। इसके जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उस रिसॉर्ट पर छापा मारा ही नहीं गया, जहां गुजरात के कांग्रेस विधायक रखे गए हैं। इसका राज्यसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाते हुए कहा, ‘मैं सरकार से अपील करता हूं कि विधायकों को आतंकित न किया जाए।’ इस पर जेटली ने कहा कि छापे की कार्रवाई के संबंध में मंत्री से पूछताछ कानूनन जरूरी थी। इसी के तहत जब टीम उन्हें लेने रिसॉर्ट पहुंची तो मंत्री महत्वपूर्ण दस्तावेज फाड़ रहे थे, जिन्हें जब्त कर लिया गया।