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बड़ी खबर: यूएन महासचिव के समर्थन पर भारत ने जताई नाराजगी

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त की पिछले दिनों कश्मीर पर आई रिपोर्ट में यहां मानवाधिकारों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग का यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा समर्थन करने से भारत नाराज है। 

बड़ी खबर: यूएन महासचिव के समर्थन पर भारत ने जताई नाराजगी

गुटेरेस की टिप्पणी के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने उच्चायुक्त जैद अल हुसैन की रिपोर्ट को मरे हुए घोड़े को कोड़े मारने जैसा बताया। उन्होंने कहा, यह सच है कि आयुक्त यूएन के प्रतिनिधि हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट पर किसी ने ध्यान तक नहीं दिया है। इसका कोई प्रामाणिक आधार तक नहीं है।

कश्मीर पर पिछले महीने आई मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन की रिपोर्ट पर एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, आप समझ सकते हैं कि उस मुद्दे पर मानवाधिकार उच्चायुक्त का हर कदम संयुक्त राष्ट्र के मत को दर्शाता है। 

उन्होंने मानवाधिकार परिषद की कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र की आवाज बताया। जैद अल हुसैन की रिपोर्ट में कहा गया था कि कश्मीर में सरकार व आतंकियों के बीच हिंसा में बच्चे हिंसा का शिकार हो रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। 

गुटेरेस की टिप्पणी पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि मानवाधिकार प्रमुख की रिपोर्ट में परिषद ने सही तरह से जांच नहीं की है। 

उन्होंने कहा कि उच्चायुक्त जैद की रिपोर्ट को मानवाधिकार परिषद में न तो किसी ने देखा है और न ही समर्थन किया है। इसलिए रिपोर्ट का संदर्भ देना समय बर्बाद करने जैसा है। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि तन्मय लाल ने उसी समय अल हुसैन की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। उन्होंने हुसैन की रिपोर्ट पर कहा था कि कुछ लोगों ने बिना किसी आधिकारिक सूत्रों से बातचीत किए यह रिपोर्ट बनाई है।

पाक का कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा गैरकानूनी 

भारत ने पिछले माह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद ही इसे विवादास्पद बताया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है और पाक ने इसके एक हिस्से पर गैरकानूनी ढंग से कब्जा कर रखा है। 

मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से भरा बताते हुए इसमें झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश करने की बात कही थी। रिपोर्ट में ऐसी जानकारियां दी गई हैं, जो गलत या अपुष्ट हैं। ये रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और अखंडता का भी उल्लंघन करती है। 

अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है यह रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भी गुटेरेस की टिप्पणी पर कहा कि मानवाधिकार प्रमुख के की रिपोर्ट की परिषद में सही ढंग से जांच नहीं की गई है। 

उन्होंने रिपोर्ट को बेबुनियाद दस्तावेज के अलावा और कुछ नहीं माना। अकबरुद्दीन ने कहा था कि अल हुसैन की रिपोर्ट बेबुनियाद है, कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसका हल पाकिस्तान औऱ भारत को मिल कर निकालने की जरूरत है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की टिप्पणी पर निराशा जताई और कहा कि ये रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरा है।

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