इंदौर : सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ है कि बीते वित्तीय वर्ष में बैंकिंग धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों के कारण बैंकों को कुल मिलाकर लगभग 25,775 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी है। आरटीआई के तहत गौड़ को 15 मई को भेजे गए जवाब से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों से पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 6461.13 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस उत्तर में बैंकिंग धोखाधड़ी के किसी भी मामले का विशिष्ट ब्योरा नहीं दिया गया है। बहरहाल, पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र में देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है और इन दिनों वह 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले से जूझ रहा है। वहीँ बैंकिंग धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों से बैंक ऑफ इंडिया को 2224.86 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा को 1928.25 करोड़ रुपए, इलाहाबाद बैंक को 1520.37 करोड़ रुपए, आंध्रा बैंक को 1303.30 करोड़ रुपए, यूको बैंक को 1224.64 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक को 1116.53 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 1095.84 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1084.50 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 1029.23 करोड़ रुपए और इंडियन ओवरसीज बैंक को 1015.79 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।