भगोड़े माल्या ने लिया अदालत का सहारा, बोला -जांच एजेंसियां बेवजह कर रही हैं परेशान
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपनी संपत्तियों को बेचने के लिए अदालत का सहारा लिया है। माल्या ने कहा है कि उसको जांच एजेंसियां बिना वजह बहुत परेशान कर रही थीं, जिसकी वजह से उसने अपना वक्तव्य जारी करना पड़ा।
13900 करोड़ की है संपत्ति
माल्या ने कहा कि उसके पास करीब 13900 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसको वो बेचना चाहता है। हालांकि यह संपत्तियां अभी जांच एजेंसियों व बैंकों के कब्जे में हैं। कर्ज के तले डूब कर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों के कंशोर्सियम का करीब 9900 करोड़ रुपये बकाया है। इसको चुकाने से पहले माल्या देश छोड़कर 2016 में लंदन शिफ्ट हो गया। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भी भारत सरकार की तरफ से प्रत्यपर्ण कराने के लिए पहले से मुकदमा चल रहा है। माल्या ने कहा कि उसने अपनी संपत्तियों को बेचने के लिए 22 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
जांच एजेंसियों ने बना दिया बैंक धोखाधड़ी का पोस्टर ब्वाय
पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत से हाल में लाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश, 2018 के तहत माल्या को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की मांग की थी। इस अध्यादेश के तहत दायर की गई यह पहली अर्जी है। माना जा रहा है कि माल्या ने इसके जवाब में ही अपनी सफाई पेश की है। माल्या ने कहा कि भारत में उसे बैंक धोखाधड़ी करने वालों का पोस्टर ब्वाय बना दिया गया है। उसका नाम आते ही लोग भड़क उठते हैं।
पीएम, वित्तमंत्री को लिखे पत्र का नहीं मिला जवाब
माल्या ने मंगलवार को कहा कि उसने कर्ज चुकाने की हर संभव कोशिश की। अब भी वह कर्ज चुकाने का प्रयास जारी रखेगा। उसके मुताबिक, उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को कर्ज के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 15 अप्रैल, 2016 को पत्र लिखा था, लेकिन दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।