भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच के लिए इंटरव्यू कल, दौड़ में कर्स्टन, गिब्स, पोवार
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नए कोच की नियुक्ति के लिए गुरुवार को मुंबई में बीसीसीआई का चयन पैनल साक्षात्कार लेगा, जिसमें गैरी कर्स्टन, हर्शेल गिब्स और रमेश पोवार सहित अन्य दावेदार हिस्सा लेंगे. इस पद के लिए 28 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और जिन दावेदारों को साक्षात्कार के लिए छांटा गया है उनमें कर्स्टन, गिब्स और पोवार के अलावा डब्ल्यूवी रमण, वेंकटेश प्रसाद, मनोज प्रभाकर, ट्रेंट जॉनस्टन, मार्क कोल्स, दिमित्री मास्करेनहस और ब्रैड हॉग शामिल हैं.
इन नामी दावेदारों का साक्षात्कार एक तदर्थ समिति लेगी, जिसमें पूर्व भारतीय खिलाड़ियों कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को शामिल किया गया है. पता चला है कि अधिकांश विदेशी खिलाड़ी स्काइप के जरिए अपना प्रस्तुतीकरण देंगे, जबकि पोवार जैसे स्थानीय दावेदार निजी तौर पर पहुंचेंगे.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘तदर्थ समिति में प्रतिष्ठित पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि वे सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार को चुनेंगे.’
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त अध्यक्ष विनोद राय और डायना एडुलजी की प्रशासकों की समिति कोच चयन प्रक्रिया पर विभाजित है. एडुलजी चाहती थीं कि पोवार कम से कम अगले महीने होने वाले न्यूजीलैंड दौरे के लिए कोच बने रहें, जबकि राय ने बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित करें.
पोवार का विवादास्पद अंतरिम कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हुआ था. एकदिवसीय कप्तान और सीनियर खिलाड़ी मिताली राज के साथ चयन मुद्दों को लेकर उनके मतभेद थे, जो सुर्खियां बने. बोर्ड ने अब साक्षात्कार की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया.
टी-20 कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना के समर्थन के बाद भारत के पूर्व स्पिनर पोवार ने इस पद के लिए फिर आवेदन करने का फैसला किया. साक्षात्कार से पहले हुए विवाद हालांकि पोवार के खिलाफ जा सकते हैं. पोवार और हरमनप्रीत सहित टीम प्रबंधन के अन्य सदस्यों ने विश्व टी-20 सेमीफाइनल में मिताली को अंतिम एकादश से बाहर रखने का फैसला किया था. भारत सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ आठ विकेट से हार गया था.
वेस्टइंडीज से लौटने के बाद मिताली ने पोवार और एडुलजी पर उनके करियर को बर्बाद करने और भेदभाव करने का आरोप लगाया था. पोवार ने आरोप लगाया था कि सलामी बल्लेबाज की भूमिका नहीं देने पर मिताली ने विश्व टी-20 के बीच में संन्यास लेने की धमकी दी और टीम में अराजकता फैलाई.