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भारत और अमेरिका ख़त्म करेंगे आतंकवाद

manohar-parrikar-zeeवाशिंगटन। भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की ठान ली है। दोनों देश अब एक-दूसरे के सैन्य साजोसामान और सैन्य अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए अहम समझौते पर दस्तखत भी हो गये हैं।

इस रक्षा सहयोग का मकसद हथियारों की पर्याप्त आपूर्ति और उन्हें सुधारने में एक-दूसरे का सहयोग होगा।

भारत और अमेरिका ख़त्म करेंगे आतंकवाद

सोमवार को देर रात रसद के आदान-प्रदान के समझौते (एलईएमओए) पर भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने सहमति जताई। दोनों नेताओं ने कहा कि इस समझौते से व्यवहारिक संविदा और आदान-प्रदान के अवसर मिलेंगे।

पेंटागन पहुंचे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दावा किया है कि भारत के पड़ोस से जारी आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में अमेरिका ने उसका पूरा साथ देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाएं मरम्मत एवं आपूर्ति के के लिए एक दूसरे की रिसोर्सेज और सैन्य अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगी।

 भारत और अमेरिका के बीच कार्य प्रगति पर पर्रीकर और कार्टर ने बैठक के दौरान चर्चा की। अमेरिका भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में व्यापार और तकनीकी साझेदारी के लिए तैयार हो गया है। ताकि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो सके।

इससे पहले, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सोमवार को पेंटागन पहुंचे। वहां पर अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने उनका भव्य स्वागत किया। पर्रिकर को पेंटागन में विशिष्ट अतिथि का दर्जा मिला।

स्वागत समारोह के बाद पर्रीकर ने पेंटागन में 9/11 स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसी साल अप्रैल में कार्टर की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते की घोषणा हुई थी।

 

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