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भारत-पाक एनएसए ने की बैंकॉक में बैठक; आतंकवाद, कश्मीर सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

96595-nsa-500ई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच रूकी पड़ी वार्ता में अचानक मिली एक सफलता के तहत दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने रविवार को बैंकाक में बैठक की और चार घंटे की इस बैठक में आतंकवाद और जम्मू कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की तथा रचनात्मक संपर्क को आगे बढ़ाने पर राजी हुए। 

पेरिस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की एक संक्षिप्त मुलाकात के महज छह दिनों बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नसीर जंजुआ तथा विदेश सचिव एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी ने थाईलैंड की राजधानी में लंबी बैठक की। बेशक, रूकी पड़ी वार्ता प्रक्रिया में नई जान फूंकने के मद्देनजर यह बैठक हुई।

वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया जिसमें कहा गया है, ‘‘भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच पेरिस में हुई मुलाकात को आगे बढाते हुए दोनों एनएसए ने बैंकाक में आज बैठक की। उनके साथ दोनों देशों के विदेश सचिव भी थे।’’ बयान के मुताबिक चर्चा एक स्पष्ट, सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुई। दोनों नेताओं के एक शांतिपूर्ण स्थिर और समृद्ध दक्षिण एशिया के दृष्टिकोण से वे दिशानिर्देशित हुए।

इसमें बताया गया है, ‘‘चर्चा में एलओसी पर शांति सहित आतंकवाद, शांति और सुरक्षा, जम्मू कश्मीर और अन्य मुद्दे शामिल रहे। साथ ही रचनात्मक संपर्क को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी।’’ एनएसए की बैठक के लिए एक तटस्थ और तीसरे देश को चुनने का फैसला शायद उन घटनाक्रमों के दोहराव को रोकने के लिए किया गया हो जिसके चलते वार्ता के लिए तत्कालीन एनएसए सरताज अजीज की नयी दिल्ली यात्रा रद्द हो गई थी।

दरअसल, नई दिल्ली ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अजीज को भारतीय राजधानी में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मिलने की इजाजत नहीं दी जाएगी जिसके बाद पाकिस्तान ने यात्रा रद्द कर दी थी। भारतीय सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की सुविधा को देखते हुए बैंकाक को चुना गया। चूंकि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के सिलसिले में विदेश सचिव पहले से तोक्यो में थे और पाकिस्तान के भी प्रतिनिधि थे, इसलिए दोनों देशों की सुविधा के चलते यह फैसला किया गया कि बैंकाक में बैठक की जाए। बैंकाक की बैठक ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगले हफ्ते इस्लामाबाद यात्रा का भी मार्ग प्रशस्त किया है जहां वह अफगानिस्तान पर एक बहुपक्षीय सम्मेलन में शरीक होंगी।

आज की बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि मोदी-शरीफ की पेरिस में हुई मुलाकात और दुआ सलाम महज अचानक नहीं हुई थी जैसा कि भारत की ओर से दावा किया गया था। हालांकि शरीफ ने पाक मीडिया से कहा था कि उनकी एक अच्छी बैठक हुई और वार्ता के दरवाजे खुलने चाहिए।

रचनात्मक संपर्क को आगे ले जाने का एनएसए का फैसला स्पष्ट रूप से यह भी संकेत देता है कि उन्होंने रूकी पड़ी द्विपक्षीय वार्ता को बहाल करने के लिए एक खाका तैयार करने पर काम किया होगा, जिसका ब्योरा सुषमा की पाकिस्तान की यात्रा के बाद सामने आ सकता है।

 

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