अन्तर्राष्ट्रीय

भारत से दवाइयां लेकर गए विमान से वापस लौट सकेंगे चीन में फंसे भारतीय

भारत सरकार ने चीन में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकलने के लिए सोमवार को एक और अवसर दिया। चीन में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत से दवाईयां को लेकर आने वाला जहाज वापसी में खाली जाएगा। जो लोग भारत वापस जाना चाहते हैं वह इस मौके का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां कार्यरत भारत के दूतावास की ओर से ट्वीट में यह जानकारी दी गई। इसमें आगे कहा गया है कि वुहान/हुबेई में ऐसे कई भारतीय हैं जो देश वापस आना चाहते हैं और लगातार दूतावास के संपर्क में हैं। हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं कि अगर आप इस फ्लाइट में वापस आना चाहते हैं तो तुरंत दूतावास से संपर्क करें।

इसकी समय सीमा सोमवार शाम सात बजे तक ही रखी गई थी। दूतावास ने इसके लिए आपात नंबर और ईमेल भी जारी किया था। भारत ने इससे पहले दो एयर इंडिया के विमानों की दो उड़ानों के जरिए अपने सैकड़ों छात्रों को चीन से बाहर निकाला था। भारत की ओर से चीन को जाने वाली दवाइयों की खेप अगले सप्ताह भेजी जाएगी।

टोक्यो में संक्रमित चारों भारतीयों की हालत पहले से बेहतर
जापान के टोक्यो में कार्यरत भारतीय दूतावास ने कहा है कि कोरोनावायरस से यहां संक्रमित पाए गए चारों भारतीयों की हालत अब पहले से बेहतर है। दूतावास ने पहले यह संख्या पांच बताई थी पर अब इसमें सुधार करके चार कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि सभी भारतीयों को जहाज से बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जापान के योकोहामा तट पर खड़े इस क्रूज डायमंड प्रिंसेस पर सवार 340 अमेरिकी नागरिकों को उनके देश पहुुंचा दिया गया है। इनमें से 14 संक्रमित लोगों को हवाई जहाज में बने विशेष स्थान में रखा गया। इस क्रूज पर अबतक 99 लोग संक्रमित पाए गए हैं।

आईटीबीपी कैंप से 200 लोगों का पहला जत्था बाहर आया
वुहान से निकालने के बाद यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस के छावला कैंप में रखे गए करीब 400 लोगों में से 200 लोगों का पहला जत्थे अपने अपने घरों की ओर रवाना कर दिया गया। आईटीबीपी प्रवक्ता ने विवेक कुमार पांडे ने बताया कि बाकी बचे लोगों को कल मंगलवार और आने वाले दिनों में भेज दिया जाएगा। पहले जत्थे में मालदीव के सात नागरिक भी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस केंद्र का दौरा किया और इन लोगों से बातचीत की।

एफएसएसएआई ने शुरू की सख्ती
कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए देश के खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने कहा है कि वह मीट और फिश बाजारों में साफ सफाई के प्रयासों में और तेजी ला रही है। इन बाजारों में स्वच्छता की खराब स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए फूड एडं सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा कि नियामक बीते छह महीनों में बूचड़खानों का ऑडिट कर रहा है।

पड़ोसी मुल्कों के नागरिक भी आ सकेंगे
चीन में भारतीय राजदूता विक्रम मिसरी ने कहा कि हवाई जहाज की क्षमता को देखते हुए भारत के सभी पड़ोसी देशों के नागरिकों को लाया जा सकता है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार 80-100 भारतीय अभी भी वुहान और हुबेई प्रांत के दूसरे इलाकों में अटके हैं। इनमें वे दस भारतीय भी हैं जिन्हें दो विशेष विमानों में उनकी खराब तबियत के कारण चढ़ने नहीं दिया गया था।

आशा की जा रही है कि उनके स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही उन्हें वहां से बाहर ले आया जाएगा। श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश ने अपने नागरिकों को यहां से निकाल चुके हैं जबकि 800 से 1000 पाकिस्तानी अभी भी हुबेई में हैं। वुहान में फंसे भारतीयों को चीनी प्रशासन भोजन सहित अन्य चीजें उपलब्ध करा रहा है।

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