चक्रधरपुर/झारखण्ड : आजकल भिखारी पेट भरने के लिए भीख नहीं मांग रहे बल्कि व्यापार के तहत भीख मांगने का सिलसिला देश में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक भिखारी को झारखंड में अमीर भिखारी कह सकते हैं। यह भिखारी झारखंड के चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर भीख मांगता है। वह केवल भीख ही नहीं मांगता, बर्तन का भी धंधा करता है। उसने तीन शादियां की हैं। उसे छोटू बारीक के नाम से जाना जाता है। उसकी पत्नियां मिलकर बर्तन की दुकान संभालती हैं और वह खुद सुबह से शाम तक भीख मांगता रहता है। एक अंदाज के अनुसार वह साल भर में साढ़े तीन लाख रुपए कमा ही लेता है।
स्टेशन पर भीख मांगने से ही वह रोजाना एक हजार से बारह सौ रुपये तक जुटा लेता है। इस हिसाब से वह हर महीने करीब 25 से 30 हज़ार रुपए कमा लेता है। उसके साथ करीब बीस लोग भी यही धंधा करते हैं और उनसे वह कमीशन लेता है। देखा जाए तो यह एक बिजनेस माइंडेड आदमी है, जो भीख मांगने जैसे काम में भी दिमाग लगाकर वहां से भी पैसा बना रहा है।