भूमिगत सुरंग बनते ही झूम उठे मैट्रो कर्मी
लखनऊ: पहले सुनाई दी मशीन की आवाज, फिर पानी और देखते ही देखते दीवार पर पड़ गयी दरार। दीवार टूटते ही दिखा 10 फिट रेडियस का बड़ा पंखा, टीबीएम मशीन। यह देख गोमती मेट्रो कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। फिर क्या था 10 कर्मचारियों ने मशीन के सामने खड़े होकर लहरा दिया तिरंगा। सोमवार को पहली टनल बोरिंग मशीन गोमती ने लखनऊ मेट्रो के अंडरग्राउंड रुट सचिवालय से हजरतगंज की खुदाई पूरी कर ली है। 23 जनवरी 2017 को इस टनल का काम शुरू हुआ था। जमीन से 18 मीटर नीचे बनी इस सुरंग में मेट्रो दौड़ेगी। पूरा अंडर ग्राउंड रुट करीब 3.6 किलोमीटर का है। जमीन से 60 फिट नीचे और 20 फिट चौड़ी सुरंग में दौड़ेगी लखनऊ मेट्रो दौड़ेगी। हुसैनगंज भूमिगत स्टेशन की लंबाई 302 मीटर, सचिवालय स्टेशन की लंबाई 278 मीटर, हजरतगंज भूमिगत स्टेशन की लंबाई 52 9मीटर। कुल प्रोजेक्ट की लंबाई की लंबाई 3.67 किमी, दोनों टनल की लंबाई 3.62 किमी है।
18 मीटर नीचे ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। इसकी वॉल्यूम 20.9 मिलीग्राम पैरा मीटर क्यूब रखने के लिए आर्टिफीसियल कंप्रेसर के जरिये हवा टनल में पहुंचाई जाती है। वॉल्यूम कम होने से कर्मचारी बेहोश हो सकते हैं। गंगा और गोमती दोनों ही टनल बोरिंग मशीन फुल्ली आटोमेटिक है। ये जीआईएस सिस्टम के सहारे टनल बनाने का कार्य करती हैं। जीआईएस सिस्टम में लोंगिट्यूड और लैटीट्यूड के सहारे काम किया जाता है। खुदाई से पहले सिस्टम में इसकी जानकारी डाल दी जाती और फिर मशीन अपने आप उस रस्ते पर चलती रहती है। औसत तौर पर एक दिन में 8.4 मीटर सुरंग खोदी जाती है। प्रायोरिटी फेज ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग पर मेट्रो का कमर्शियल रन जल्द ही होगा।