अद्धयात्म

मंगलवार को ये श्रेष्ठ योग देंगे नवरात्र में शुभ फल

worship-54e5b8073c18b_lदस्तक टाइम्स/एजेंसी नई दिल्ली:

 13 अक्टूबर 2015 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: दक्षिण, शाके: 1937, हिजरी: 1436, मु. मास: जिलहिज-28, ऋतु: शरद्, मास: आश्विन, पक्ष: शुक्ल है। मंगलवार को शुभ तिथि: प्रतिपदा नन्दा संज्ञक तिथि सम्पूर्ण दिवारात्रि रहेगी। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। पर देवी कार्य और नवरात्रा में शुक्ल प्रतिपदा को शुभ माना गया है।

मंगलवार से शारदीय नवरात्रा प्रारम्भ हो रहे हैं। प्रतिपदा तिथि में जन्मा जातक स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर, अल्पधनी, बहुसंतति वाला, बनाव शृंगार में रुचि रखने वाला, इनकी दीर्घायु के लिए शान्ति करानी चाहिए। वैसे बड़े होने पर बड़ा तेजस्वी व प्रभावशाली होता है। नक्षत्र: चित्रा नक्षत्र अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 4.38 तक, तदुपरान्त स्वाति नक्षत्र रहेगा। यदि समय व तिथि शुद्ध व शुभ हो तो चित्रा नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, कारीगरी, वास्तु, अलंकार, वस्त्र, जनेऊ व कृषि सम्बंधी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। पर मंगलवार को तिथि ग्राह्य नहीं है। इसलिए उक्त कथित कार्यादि के लिए शुभ नहीं है।
चित्रा नक्षत्र में जन्मा जातक बुद्धिमान, साहसी, धनवान, दानी, सुशील, सुन्दर शरीर वाला, जिसकी लिखाई सुन्दर हो, धर्म के प्रति आस्थावान, कुशल और सौन्दर्य-प्रसाधन प्रेमी होता है। इनका भाग्योदय 33 से 38 वर्ष की आयु के मध्य होता है। योग: वैधृति अत्यन्त दुद्र्धर्ष उपद्रवकारी योग रात्रि 11.17 तक, तदन्तर विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। वैधृति नामक योग की समस्त घटियां मांगलिक कार्यों में सर्वथा निषेधनीय है। करण: किंस्तुघ्न नामक करण सायं 6.51 तक, तदन्तर बवादि चर संज्ञक करण रहेंगे। चंद्रमा: अपराह्न 3.11 तक कन्या राशि में, इसके बाद तुला राशि में रहेगा।
व्रतोत्सव: मंगलवार से शारदीय नवरात्रा प्रारम्भ, घटस्थापना, अग्रसेन जयंती, मातामह श्राद्ध व वैधृति पुण्यं है। शारदीय नवरात्रा में घट स्थापना का मुहूर्त: मंगलवार के दिन से शारदीय नवरात्रारम्भ हो रहे हैं। देवी पुराण में नवरात्रा के दिन देवी का आह्वान, स्थापना व पूजन का समय प्रात: काल ही लिखा है। पर इस दिन चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग किंचित व्यवधान कारक है, जैसा कि रूद्रयामल ग्रंथ में लिखा है- ‘वैधृतौ पुत्रनाश: स्याच्चित्रायां धन नाशनम्। तस्मान्न स्थापयेत्कुम्भं चित्रायां वैधृतौ तथा। यदि सम्पूर्ण प्रतिपदा चित्रा या वैधृति से युक्त हो तो मध्याह्न के समय अभिजित मुहूर्त में घट स्थापना करें। यथा सम्पूर्णा प्रतिपद्येव चित्रायुक्ता यदा भवेत्। वैधृत्या वापियुक्ता स्यात्तदा मध्यन्दिने खौ।। अभिजित्तु मुहूर्त यत्तत्रस्थापनमिष्यते॥ वहीं पर महुर्षि कात्यायन ने कहा है कि आश्विन मास की प्रतिपदा में वैधृति तथा चित्रा हो तो आदि के दो पाद त्याग कर नवरात्रा का प्रारम्भ करें।
इस बार शारदीय नवरात्रा प्रारम्भ के दिन चित्रा नक्षत्र अन्तरात्रि 4.38 तक तथा वैधृति योग रात्रि 11.17 तक रहेंगे। अत: घट स्थापना का समय पूर्वाह्न 11.50 से दोपहर 12.36 तक अभिजीत मुहूर्त में सर्वश्रेष्ठ है। तत्काल लाभ व अमृत के चौघड़िया मुहूर्त भी उपयोगी होंगे।

 

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