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मणिपुर में पहली बार बनी BJP की सरकार, बीरेन सिंह ने ली मुख्यमंत्री पद की श्‍ापथ

नई दिल्ली। मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला आज एन बीरेन सिंहको मुख्यमंत्री पद की श्‍ापथ दिलाई। बीरेन सिंह के शपथ लेने के बाद प्रदेश में पहली बार बीजेपी गठबंधन सरकार बन गई है। राज्यपाल ने बीजेपी विधायक दल के नेता बीरेन सिंह को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। बीरेन सिंह को सोमवार को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था।

मणिपुर में पहली बार बनी BJP की सरकार, बीरेन सिंह ने ली मुख्यमंत्री पद की श्‍ापथ

वहीं अमित शाह और वेंकैया नायडू इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके। असल में शाह और नायडू को लेकर जो विमान इम्फाल जा रहा था उस विमान के इंजन में गड़बड़ी आई और उसे दिल्ली लौटना पड़ा। सिंह को सरकार बनाने का निमंत्रण ऐसे दिन दिया गया है जब एनडीए में शामिल नगा पीपुल्स फ्रंट के चार सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की।

यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री के साथ कितने मंत्री शपथ लेंगे, बीजेपी सूत्रों ने यहां कहा कि इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना है। सूत्रों ने हालांकि कहा कि यह छोटा मंत्रिमंडल होगा और इसमें अन्य सहयोगियों का प्रतिनिधित्व होगा। राजभवन सूत्रों ने बताया कि नगा पीपुल्स फ्रंट के चार विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की।भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। गोवा के बाद मणिपुर दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में नहीं उभरने के बाद भी भाजपा की गठबंधन सरकार होगी।इस बीच राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित किए जाने के अपने फैसले को उचित ठहराया और कहा कि पाटीर् के पास पयार्प्त संख्या है। कांग्रेस ने कहा है कि सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद सबसे पहले उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए था। कांग्रेस की इस दलील पर नजमा हेपतुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, मुझे नहीं मालूम कि वे क्या आरोप लगा रहे हैं। मैं काफी स्पष्टवादी हूं। मैं नियमों का पालन करती हूं। मुक्षे नियम़क़ानून की जानकारी है।

उन्होंने कहा, बीजेपी के पास पर्याप्‍त संख्या है। उनके पास 30 से ज्यादा संख्या है। यह मणिपुर के लिए मददगार रहेगा। इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा, संसद में मेरे 37 साल और आसन में 17 साल (राज्यसभा की उपसभापति) जब मैं कांग्रेस की सदस्य थी, मैंने जनता सरकार, भाजपा और कई अन्य सरकारों सहित गैरकांग्रेसी सरकारों के साथ काम किया। मैंने कम से कम पांच विभिन्न प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया और अबतक किसी ने यह आरोप नहीं लगाया कि मैंने कुछ गलत किया।

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